2016 और 2017 के सरकारी सर्कुलर अब जल संसाधन विभाग में भी होंगे प्रभावी, कोर्ट ने कहा – सभी योग्य कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जल संसाधन विभाग को अपने दैनिक वेतनभोगी और कैजुअल कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 के तहत सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने का निर्देश दिया है। अदालत ने विभाग को आदेश की प्रति मिलने के 45 दिनों के भीतर शासन के दोनों सर्कुलरों को लागू करने को कहा है।
जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने यह फैसला छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ की याचिका पर सुनाते हुए दिया। संघ की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने 22 नवंबर 2016 और 12 जुलाई 2017 को दो सर्कुलर जारी किए थे, जिनमें दैनिक वेतनभोगी और कैजुअल कर्मचारियों को ईपीएफ (EPF) के दायरे में लाने के निर्देश दिए गए थे।
हालांकि, यह नियम जल संसाधन विभाग में लागू नहीं किया गया, जबकि लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इसे पहले ही लागू कर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण सैकड़ों कर्मचारियों को अब तक सामाजिक सुरक्षा के लाभ से वंचित रहना पड़ा है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि विभाग जल्द ही दोनों सर्कुलरों को लागू करेगा और सभी पात्र कर्मचारियों का पंजीकरण ईपीएफओ पोर्टल पर कराया जाएगा। इसके साथ ही उनकी पात्रता की तारीख से सभी लाभ देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के प्रावधान सभी योग्य कर्मचारियों पर लागू होते हैं, और विभागों को इसमें देरी नहीं करनी चाहिए। अदालत ने सरकार को 45 दिनों की समय सीमा में सर्कुलर लागू करने का सख्त निर्देश दिया है।













