बिलासपुर। शेष कॉलोनी, विनोबा नगर निवासी वीरेंद्र अग्रवाल ने जीवन के बाद भी समाज सेवा की मिसाल कायम की है। रविवार सुबह नौ बजे उनके निधन के बाद परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप सोमवार को उनका देहदान छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) को कर दिया। अब मेडिकल छात्र-छात्राओं के अध्ययन और अनुसंधान में उनकी देह तीन वर्षों तक सहायक बनी रहेगी।
निधन के बाद वीरेंद्र अग्रवाल के परिजनों आशीष अग्रवाल, अलका अग्रवाल, आभा अग्रवाल और पिंकी अग्रवाल ने सिम्स के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति से संपर्क कर देहदान की अनुमति मांगी। उन्होंने बताया कि स्व. अग्रवाल की इच्छा थी कि उनका शरीर चिकित्सा शिक्षा के लिए उपयोग में आए। इस पर डीन डॉ. मूर्ति ने शरीर रचना विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिक्षा जांगड़े को आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए।
प्रक्रिया के दौरान एमएस डॉ. लखन सिंह, डॉ. वीणा मोटवानी, डॉ. प्रेमल येंडे, डॉ. अमित कुमार और डॉ. कमलर्ज बाशन उपस्थित रहे। सिम्स प्रबंधन ने अग्रवाल परिवार के इस निर्णय को अत्यंत प्रेरणादायक बताया और कहा कि इससे समाज में देहदान को लेकर नई जागरूकता आएगी।














