बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बार फिर खुशी की खबर आई है। रिजर्व के कोर जोन में ट्रैप कैमरे में एक बाघिन अपने दो शावकों के साथ कैद हुई है। इससे न केवल एटीआर में बाघों की संख्या बढ़ने की पुष्टि होती है, बल्कि यह भी साबित होता है कि यहां का संरक्षण तंत्र और प्राकृतिक माहौल बाघों के प्रजनन के लिए पूरी तरह अनुकूल है।


ट्रैप कैमरे में दर्ज हुआ दुर्लभ नजारा

वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में हाल ही में जो तस्वीरें मिली हैं, उनमें बाघिन एटी-17 अपने दो शावकों के साथ टहलते हुए दिखाई दी। कैमरे में बाघिन बेहद सतर्क मुद्रा में नजर आ रही है — वह कैमरे के सामने से गुजरते हुए सीधी निगाहें कैमरे पर डालती है, जबकि उसके पीछे दोनों शावक खेलते हुए चलते नजर आते हैं। यह फुटेज एटीआर के कोर जोन से मिला है, वही क्षेत्र जहां कुछ समय पहले झुमरी नामक बाघिन अपने चार शावकों के साथ दिखाई दी थी।


पुरानी बाघिन, नया कुनबा

तस्वीरों के विश्लेषण के बाद यह पुष्टि हुई है कि यह नई बाघिन नहीं, बल्कि पहले से मौजूद बाघिन एटी-17 है। राहत की बात यह है कि उसके साथ दो स्वस्थ शावक हैं। इसका मतलब है कि अचानकमार में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। यह वृद्धि रिजर्व के प्रभावी प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की सफलता को दर्शाती है।


पहचान के लिए नामकरण व्यवस्था

बाघों और बाघिनों की पहचान को आसान बनाने के लिए एटीआर प्रबंधन ने प्रत्येक को एक कोड नाम दिया है। इसके माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि कौन-सी बाघिन अपने शावकों के साथ जंगल के किन क्षेत्रों में विचरण कर रही है। वर्तमान में एटीआर प्रबंधन इस बाघिन और उसके शावकों की गतिविधियों और स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी रख रहा है।


संरक्षण का सफल परिणाम

वन विभाग का कहना है कि एटीआर में बाघों की बढ़ती संख्या यह प्रमाणित करती है कि संरक्षण, भोजन श्रृंखला और प्राकृतिक वातावरण सब कुछ संतुलित है। झुमरी और एटी-17 जैसी बाघिनों के जरिए रिजर्व में बाघों की आबादी सुरक्षित और समृद्ध हो रही है।

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