बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से नाबालिग अवस्था में दर्ज अपराध से बड़ी राहत पाने के कुछ ही दिनों बाद, फूड इंस्पेक्टर प्रहलाद राठौड़ को रायपुर की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला उसके खिलाफ दर्ज अनाचार, अपहरण और मारपीट के अपराधों का है। अदालत के फैसले के साथ ही राठौड़ को जेल भेज दिया गया है।

हाईकोर्ट ने कहा – नाबालिग उम्र की गलती पर नहीं जाएगी नौकरी

इससे पहले, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच (मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति एन.के. चंद) ने राज्य सरकार द्वारा जारी राठौड़ की बर्खास्तगी का आदेश रद्द करते हुए कहा कि –

“नाबालिग रहते किसी व्यक्ति द्वारा की गई गलती का दंड जीवनभर नहीं दिया जा सकता।”

राठौड़, जो कि पूर्व नेवी कर्मी रहे हैं, वर्ष 2018 में भूतपूर्व सैनिक कोटे से फूड इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त हुए थे। मार्च 2024 में पुलिस सत्यापन रिपोर्ट में पुराने मामूली आपराधिक मामले का उल्लेख मिलने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।


2002 के पुराने मामलों पर था विवाद

राज्य सरकार ने कहा था कि राठौड़ ने नाबालिग रहते दर्ज मामूली विवादों की जानकारी छिपाई, जबकि राठौड़ ने कोर्ट में तर्क दिया कि ये मामले वर्ष 2002 के हैं, जिनमें दोष सिद्ध नहीं हुआ था, और बाल न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act, 2015) की धारा 24(1) के तहत उन्हें किसी अयोग्यता से छूट प्राप्त है।

डबल बेंच ने उनकी दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि –“बाल अपराध अधिनियम के अनुसार, नाबालिग अवस्था में किया गया अपराध किसी व्यक्ति के जीवनपर्यंत करियर में बाधा नहीं बन सकता।”

अदालत ने 3 नवंबर को आदेश देते हुए 15 मार्च 2024 का बर्खास्तगी आदेश निरस्त कर राठौड़ को सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया था।


5 नवंबर को रायपुर कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

लेकिन राहत के दो दिन बाद ही रायपुर की विशेष अदालत ने प्रहलाद राठौड़ को अनाचार, अपहरण और मारपीट के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी।

आवेदिका ने आरोप लगाया था कि राठौड़ ने स्वयं को अविवाहित बताकर संबंध बनाए, जबकि वह पहले से विवाहित थे। जब सच्चाई सामने आई तो उसने संबंध समाप्त कर दिए। इसके बाद राठौड़ ने वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया।
31 जनवरी 2023 को उसने महिला को ओयो होटल में बुलाया, जहां बंधक बनाकर अनाचार किया, और बाद में अन्य लोगों के साथ मिलकर मारपीट भी की।

रायपुर की एट्रोसिटीज़ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने सभी आरोपों को प्रमाणित पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी। उसे कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।

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