न्यायालय के आदेश पर बैंक मैनेजर सहित कई पर धोखाधड़ी का केस दर्ज
बिलासपुर। लोन की नियमित किश्तें जमा करने के बाद भी एक मिनी ट्रक मालिक को भारी धोखा झेलना पड़ा। बैंक कर्मचारियों ने पहले उसका वाहन सीज किया, फिर बिना सूचना दिए नीलाम भी कर दिया। पुलिस में शिकायत करने पर कोई कार्रवाई न होने के बाद पीड़ित ने अदालत की शरण ली। अब न्यायालय के आदेश पर तारबाहर पुलिस ने बैंक मैनेजर और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
लोन लिया, किस्तें भरीं, फिर भी ट्रक सीज
बिल्हा के मुढ़ीपार लोहारपारा निवासी नरेन्द्र कुमार रात्रे (41) ने 2016 में 12 लाख 50 हजार रुपये का लोन लेकर आइचर मिनी ट्रक खरीदा था। बैंक ने 55 किस्तों में हर माह 31,080 रुपये जमा करने कहा था, लेकिन वसूली बढ़ाकर 33,100 रुपये प्रति माह कर दी गई।
नरेन्द्र ने करीब सात लाख रुपये जमा भी करा दिए थे।
धरसीवां पुलिस ने जब्त किया, 3 साल बाद मिला वापस
2017 में धरसीवां पुलिस ने मिनी ट्रक जब्त कर लिया। इसके बावजूद नरेन्द्र किश्तें भरते रहे। लगभग तीन साल बाद कोर्ट से सुपुर्दनामा मिलने पर वाहन उन्हें वापस मिला। घर लाकर मरम्मत भी कराई।
कागजों पर साइन करवाकर ट्रक यार्ड ले गए, फिर बेच डाला
इसी बीच कंपनी के निर्देश पर दो लोग नरेन्द्र के घर पहुंचे। बिना पूरी जानकारी दिए उनसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए और मिनी ट्रक को यार्ड में खड़ा कर दिया। बाद में वाहन को चुपके से बेच दिया गया।
इसी दौरान बैंक ने तमिलनाडु में मध्यस्थता प्रक्रिया शुरू की और 16 लाख 86 हजार रुपये की वसूली का अवार्ड भी ले लिया—इसकी जानकारी भी नरेन्द्र को नहीं दी गई।
कुर्की वारंट से खुला पूरा मामला
मामले का खुलासा तब हुआ, जब कोर्ट से कुर्की वारंट उनके घर पहुंचा। इस पर उन्होंने तारबाहर थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। अंततः नरेन्द्र ने अदालत में परिवाद दायर किया।
कोर्ट सख्त, पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश
अदालत ने पूरे मामले को गंभीर मानते हुए बैंक मैनेजर और उसके सहयोगियों पर धोखाधड़ी, गलत जानकारी छिपाने और वाहन नीलाम करने के आरोप में FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
पुलिस ने अदालत के निर्देश पर अब मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।














