बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2019 की शिक्षक भर्ती से जुड़े हजारों शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की सिंगल बेंच ने स्पष्ट किया कि 2019 के विज्ञापन के आधार पर चयनित शिक्षकों पर वर्ष 2020 की नई स्टाइपेंड नीति लागू नहीं होगी
इस फैसले के बाद शिक्षकों को जॉइनिंग की तारीख से ही 100% बेसिक पे, पे-प्रोटेक्शन और पूर्व सेवा का लाभ मिलेगा।

क्या था विवाद?

याचिकाकर्ता अमृत लाल साहू, रवि कुमार श्रीवास, मनोज कुमार मनहर, जितेश कुमार सहित कई शिक्षकों ने अधिवक्ता नौशीना आफरीन अली, अजय श्रीवास्तव और अन्य के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

उनका कहना था कि—

  • 2019 के विज्ञापन में 2 साल का प्रोबेशन और 100% बेसिक पे देने का नियम था।
  • लेकिन जुलाई 2020 में सरकार ने नया आदेश जारी कर दिया, जिसमें पहले साल 70%, दूसरे साल 80% और तीसरे साल 90% सैलरी देने का प्रावधान कर दिया गया।
  • जबकि पूरी चयन प्रक्रिया 2019 के विज्ञापन के तहत चली थी।

इसी वजह से 2020 में नियुक्ति मिलने पर इन शिक्षकों की सैलरी काफी कम हो गई थी।


सरकार की दलीलें अदालत में नहीं टिक सकीं

राज्य सरकार ने कहा कि नियुक्ति आदेश 2020 की नई नीति लागू होने के बाद जारी हुए थे, इसलिए उम्मीदवार नई शर्तों को चुनौती नहीं दे सकते।
लेकिन हाईकोर्ट ने इस तर्क को साफ तौर पर खारिज कर दिया।

अदालत ने कहा-

  • चयन 2019 के विज्ञापन के आधार पर हुआ था, इसलिए बाद में नियम बदलकर नई शर्तें थोपना कानूनन गलत है।
  • कई उम्मीदवार पहले से सरकारी सेवा में थे और तकनीकी इस्तीफा देकर नई पोस्ट पर आए। ऐसे मामलों में पे-प्रोटेक्शन अनिवार्य है।
  • कुछ जिलों में शिक्षकों को पूरा लाभ दिया गया है, तो दूसरों को इससे वंचित नहीं किया जा सकता।

तकनीकी इस्तीफा को ब्रेक इन सर्विस नहीं माना जाएगा

हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि तकनीकी इस्तीफा देने पर सर्विस ब्रेक नहीं माना जाता।
अर्थात—

  • वरिष्ठता
  • वेतन संरक्षण
  • और अन्य सेवा लाभ
    यथावत लागू रहेंगे।

अदालत ने 2023 में स्टाइपेंड खत्म कर पुनः 100% बेसिक पे बहाल करने वाले शासनादेश में “नो एरियर” प्रावधान को भी अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि जब कर्मचारी निरंतर सेवा दे रहा है तो उसे वास्तविक आर्थिक लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।


फैसले से क्या फायदा मिलेगा?

हाईकोर्ट के आदेश से—

  • सभी याचिकाकर्ता शिक्षकों को जॉइनिंग से 100% बेसिक पे मिलेगा
  • पहले की सेवा को मान्य माना जाएगा
  • पे-प्रोटेक्शन लागू होगा
  • वेतन अंतर (एरियर) देने पर सरकार को विचार करना होगा

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