बृहस्पतिबाजार स्थित एकमात्र शौचालय को तोड़ने के एक हफ्ते बाद आज कांग्रेसियों ने इस फैसले के विरोध किया। उन्होंने विकास-भवन के सामने प्रदर्शन किया और धरने पर बैठे।
आयुक्त के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा है कि यहां सैकड़ों दुकानें और सब्जी वालों के चबूतरे हैं। बड़ी संख्या में यहां मजदूर और ग्राहक भी पहुंचते हैं, इनमें महिलाएं भी हैं। इन सब के बीच केवल एक सार्वजनिक शौचालय था जिसे तोड़ देने के बाद वहां आसपास के व्यापारियों खरीदारी करने आए लोगों को परेशानी हो रही है। कांग्रेसियों का कहना है कि नगर निगम विकास के नाम पर जनता का पैसा पानी की तरह बहा रहा है। बिना योजना के निर्माण करना उसे फिर से तोड़ना इन सब से समय और धन की बर्बादी तो होती है साथ ही जनता को परेशानी अलग से झेलनी पड़ती है। निगम के पास निर्माण से पूर्व कम से कम 25 वर्षों की योजना तैयार हो उसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ करना चाहिए। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के इसको तोड़ना अन्याय है।