कोरबा के जोगीपाली में हुआ पूरा ड्रामा, अब वही अधिकारी झूठी बनाकर ले रहा बदला

कोरबा। जोगीपाली गाँव के लोग  सहमे हुए हैं। वजह है करतला रेंज का बीट गार्ड गजाधर राठिया। गांव वाले बताते हैं कि 14 नवंबर की शाम अंकुश पटेल अपनी निजी जमीन का सूखा पेड़ काटकर घर ला रहे थे। गाँव के कुछ लोग पुरानी रंजिश निकालने के लिए मौके की ताक में थे। उन्होंने गजाधर राठिया और वनपाल चमरू कंवर को फोन करके झूठी सूचना दे दी कि “जंगल से अवैध लकड़ी की तस्करी हो रही है।”

पीड़ित ग्रामीणों का आरोप है कि दोनों कर्मचारी पहुंचे तो नशे में टल्ली हालत में थे। ट्रैक्टर रोका और सीधे एक लाख रुपये रिश्वत मांगी। अंकुश ने मना किया तो गजाधर ने मां-बहन की गालियाँ शुरू कर दीं। मना करने पर थप्पड़ जड़ दिया। बात बढ़ी तो मनाराम पटेल को भी पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया।

गांव की एक महिला ने हाथ जोड़कर माफी माँगी, बोली – “साहब, लकड़ी जलाने के लिए है, छोड़ दो।”

जवाब मिला – “एक लाख नहीं दोगे तो सबको अंदर करवा दूँगा।”

फिर वही नशेड़ी गजाधर ने महिला को जोर का धक्का मार दिया। महिला गिर पड़ी। बस, फिर क्या था – गाँव वालों का गुस्सा फूट पड़ा। सबने मिलकर गजाधर को खदेड़ दिया।

अब बदले की आग में झूठी FIR

ग्रामीण बताते हैं कि अगले ही दिन गजाधर राठिया ने अपनी नौकरी बचाने के लिए उल्टा खेल खेल दिया। वन विभाग ने दावा किया कि “लकड़ी तस्करों ने दोनों कर्मचारियों को बंधक बनाकर बेहोश होने तक पीटा, वर्दी फाड़ दी।” इसी कहानी के आधार पर एक ही परिवार के 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करा दी गई – जिनमें कई लोग तो उस दिन गांव में थे ही नहीं, कुछ तो झगड़ा शांत करा रहे थे।

थाने में भी नहीं मिला इंसाफ

जब मनाराम पटेल, अंकुश पटेल और अन्य लोग करतला थाने शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें घंटों बिठाया गया। पहले वन विभाग वालों की रिपोर्ट लिखी गई, गांव वालों की नहीं। दो-दो दिन भगाया गया। बोले – “कॉल करेंगे।” न कॉल आया, न रिपोर्ट लिखी। फिर कोरबा कलेक्टर ऑफिस गए, वहाँ से SP ऑफिस भेजा गया। SP साहब नहीं मिले। शिकायत पत्र डालकर लौट आए। आज तक कोई कार्रवाई नहीं।

आस-पास के गाँव भी परेशान

चोरभट्टी, चारमार, मदवानी, नोनदरहा, जोगीपाली – सभी गाँवों के लोग एक ही बात कहते हैं – “गजाधर राठिया जहाँ जाता है, धौंस दिखाकर पैसा माँगता है।” यहाँ तक कि रायगढ़ जिले के धसकामुड़ा गाँव में भी जाकर लोगों को डराता-धमकाता है।

गाँव वाले अब सवाल पूछ रहे हैं – “जो कानून के रखवाले खुद रिश्वत माँगें, महिला को धक्का दें, झूठी FIR लिखवाएँ – उनसे न्याय की उम्मीद कौन करे?”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here