बिलासपुर। बिलासपुर को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। खासकर उन छात्रों के लिए जो कोचिंग लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इसी सिलसिले में सोमवार को कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक बड़ी बैठक हुई। इसमें नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, जोन कमिश्नर अनुभव सिंह, शहर के कुछ बड़े कोचिंग संस्थानों के संचालक और उनके प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

बैठक में कलेक्टर ने कोचिंग संचालकों से कहा कि बिलासपुर संभाग का सबसे बड़ा जिला है। यहां आसपास के कई जिलों से छात्र पढ़ाई और कोचिंग के लिए आते हैं, इसलिए ज़रूरी है कि इन कोचिंग संस्थानों को एक ही जगह व्यवस्थित किया जाए। इससे छात्रों को भी बेहतर माहौल मिलेगा और शहरवासियों को भी ट्रैफिक जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।

गांधी चौक क्षेत्र के कोचिंग सेंटर्स के छात्रसंख्या और पार्किंग व्यवस्था की जानकारी भी कलेक्टर ने विशेष रूप से ली। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था भी एक बड़ी चिंता है, जिस पर खास ध्यान देना जरूरी है।

कलेक्टर ने बताया कि शहर में एक अलग एजुकेशन ज़ोन बनाया जाएगा, जिसमें लाइब्रेरी, डिजिटल स्टडी सेंटर, हॉस्टल, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, मल्टीलेवल पार्किंग, बुक शॉप्स और अन्य ज़रूरी सुविधाएं होंगी। यहां छात्रों की सुरक्षा और ट्रैफिक की सुविधा का भी खास ख्याल रखा जाएगा।

बैठक में तय किया गया कि इस काम के लिए जल्द ही एक डिटेल एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा और कोचिंग संस्थानों से सुझाव भी लिए जाएंगे। इसके लिए एक समिति भी बनेगी। बैठक में कोचिंग संचालकों ने भी अपने अनुभव, सुझाव और समस्याएं साझा कीं।

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