सीबीआई ने दो साल पहले ही मर्डर की फाइल क्लोज कर दी है, इसके खिलाफ़ हाईकोर्ट में लम्बित है पत्रकारों की याचिका
पत्रकार सुशील पाठक हत्याकांड की जांच के दौरान रिश्वत लेने के मामले में आरोपी बनाए गए एडिशनल एसपी डीके राय, एएसआई लक्ष्मी नारायण शर्मा और प्राइवेट जासूस तपन गोस्वामी को सीवीआई ने बरी कर दिया है। मालूम हो कि पाठक के हत्यारों का आज तक पता नहीं चल पाया है इस मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि सीबीआई के इस फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में पत्रकारों की याचिका लम्बित है।
रायपुर की सीबीआई कोर्ट ने आज इन तीनों को दोषमुक्त करार दिया है।
दूसरी तरफ सुशील पाठक हत्याकांड की जांच आठ साल बाद भी अधूरी है। सीबीआई ने इस मामले में 6 साल बाद सन् 2016 में क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। जांच बंद करने के विरुद्ध बिलासपुर प्रेस क्लब और पत्रकार सुशील पाठक की पत्नी संगीता पाठक की ओर से बिलासपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें क्लोजर रिपोर्ट को समाप्त करने तथा एसआईटी से मामले की जांच कराने की मांग है। यह मामला दो साल से कोर्ट में अंतिम सुनवाई के लिए लम्बित है।