प्रदेश अध्यक्ष ने आरोपी के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान चलाने वाले पार्षदों को फटकार लगाई

बिलासपुर। रतनपुर के भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने निलंबित कर दिया है। उसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है और संतुष्ट ना होने पर प्राथमिक सदस्यता समाप्त करने की चेतावनी दी गई है।

मालूम हो कि कल शाम अरुण साव ने रतनपुर जाकर दुष्कर्म से पीड़ित नाबालिग से मुलाकात की थी। इस दौरान वहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें जानकारी दी कि रेप के आरोपी आफताब मोहम्मद के चाचा भाजपा पार्षद और अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश मंत्री हकीम मोहम्मद ने रेप पीड़िता की मां पर समझौता करने के लिए दबाव बनाया। उसने रेप पीड़िता और आरोपी के बीच एक समझौता लिखवाया जिसमें दोनों ने एक दूसरे को भाई-बहन जैसा बताया। एक वीडियो भी तैयार किया जिसमें पीड़िता कहती है कि आरोपी आफताब ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया है और वह उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं चाहती। परिजनों के दबाव में आकर उसने रेप की झूठी रिपोर्ट लिखाई थी। इतना ही नहीं नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे के साथ मिलकर भाजपा पार्षद ने पार्षदों का एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। इसमें आरोपी आफताब को चरित्रवान और सीधा साधा युवक बताया गया। इस पत्र में कांग्रेस भाजपा दोनों ही दलों के 13 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं। दो पार्षदों ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। बताया जा रहा है कि यह पत्र आरोपी की जमानत में सुविधा के लिए तैयार किया गया था। यह जानकारी मिलने पर साव ने अपने पार्षदों को फटकार लगाई और ऐसी गलतियां दोहराने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।

उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार को रेप पीड़िता की विधवा मां को पुलिस ने रेप के आरोपी आफताब के 10 वर्षीय भांजे के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। जिस दिन आफताब के भांजे की शिकायत पर एफआईआर रतनपुर पुलिस ने दर्ज की उसी दिन पूछताछ के लिए महिला को थाने में बुलाया गया और कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। इसके बाद रेप पीड़िता का वीडियो बयान सामने आया जिसमें उसने बताया कि उसकी मां को जबरन फंसाया गया है क्योंकि वह आफताब के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने के लिए तैयार नहीं हुई। उस पर लगातार समझौता करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। राजी नहीं होने पर मां के खिलाफ झूठी शिकायत की गई है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के आने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे। पुलिस ने भी सफाई दी कि पूरी जांच पड़ताल के बाद आरोपी महिला की गिरफ्तारी की गई है। जिस तरह से आनन-फानन में एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भिजवाया गया उससे थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह संदेह के घेरे में आ गए। शनिवार की शाम विश्व हिंदू परिषद और कुछ अन्य संगठनों ने रतनपुर थाने का घेराव कर दिया। उन्होंने थाना प्रभारी को निलंबित करने और महिला को रिहा करने की मांग को। करीब 2 घंटे थाने के घेराव के बाद उन्होंने अगले दिन रतनपुर बंद की अपील की। इस बीच रतनपुर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। रविवार को को बंद सफल रहा इसी दौरान कुछ तत्वों ने आरोपी के घर को घेर लिया। भीड़ इकट्ठी होने पर वहां स्थिति बिगड़ने लगी। इसी दौरान पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने थाना प्रभारी को  लाइन अटैच करने का आदेश दिया। पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एएसपी राहुल देव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई और उन्हें 1 सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

 

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