उपमुख्यमंत्री व विधि मंत्री अरुण साय से मिला प्रतिनिधिमंडल
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश अधिवक्ता परिषद की मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जल्द ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के समीप स्थित छतौना, बोदरी या बिल्हा क्षेत्र में परिषद को कार्यालय निर्माण के लिए ज़मीन आवंटित करने का आश्वासन दिया है। साथ ही उन्होंने राज्य में अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने की प्रक्रिया को भी शीघ्र आगे बढ़ाने की बात कही है।
यह आश्वासन उन्होंने उस समय दिया जब अधिवक्ता परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष धर्मेश वास्तव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने परिषद के लिए स्थायी कार्यालय की मांग के साथ-साथ राज्य में अधिवक्ता सुरक्षा कानून जल्द लागू करने की अपील की।
परिषद ने उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में अधिवक्ता सुरक्षा कानून की लंबे समय से मांग की जा रही है। वर्ष 2016 में परिषद की प्रांतीय बैठक जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती में आयोजित हुई थी, जहां इस कानून का मसौदा तैयार कर सभी की सहमति से बिना किसी संशोधन के पारित किया गया था। इसके बाद यह मसौदा तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को सौंपा गया, जिन्होंने इस पर कार्यवाही करते हुए हाईकोर्ट के तीन अधिवक्ताओं की टीम से सुझाव मंगवाए थे। लेकिन बाद में कुछ कारणों से यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
अब परिषद को उपमुख्यमंत्री से नई उम्मीद जगी है कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर ठोस कदम जल्द उठाए जाएंगे।