बिलासपुर। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो की एफआईआर की कॉपी वेबसाइट में अपलोड करने का निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका हाईकोर्ट ने निराकृत कर दी है।
आरटीआई कार्यकर्ता चिरमिरी के राजकुमार मिश्रा ने सन् 2021 में एक जनहित याचिका दायर कहा था कि ईओडब्ल्यू और एसीबी में दर्ज किए जाने वाले एफआईआर वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया जा रहे हैं। जबकि सभी पुलिस स्टेशन, सीबीआई, एनआईए इत्यादि जांच एजेंसियां ऐसा करती हैं। राज्य के दोनों विभागों के अधिकारियों से उन्होंने कई बार पत्राचार किया लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर 2016 को यूथ एसोसिएशन विरुद्ध यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मामले में सभी थानों में दर्ज एफआईआर वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करने का आदेश दिया था।
याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब प्रस्तुत किया। इसमें बताया गया कि सन् 2017 से लेकर के अब तक दर्ज एफआईआर की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। शासन के जवाब के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस संजय के अग्रवाल की बेंच ने याचिका का निराकरण कर दिया।