बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज उनके निवास कार्यालय में बिलासपुर जिले के बेलगहना और रतनपुर के नागरिकों ने छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव के नेतृत्व में सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने बेलगहना और रतनपुर को तहसील का दर्जा देने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संकट की चुनौतियों के बाद भी राज्य सरकार जनता से किया वायदों को पूरा कर रही है। यह प्रयास है कि आम जनता को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के अच्छे अवसर मिलें। व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हों जिससे आम जनता के कार्य बिना किसी दिक्कत के आसानी से हो सके। राज्य सरकार ने प्रशासन को जनता के नजदीक लाने के लिए 6 नए जिलों और 85 नई तहसीलों की घोषणा की है। इनमें से गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला गठित किया जा चुका है तथा शेष जिलों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। घोषित 52 तहसीले शुरू हो गई है। संभवतः पहली बार किसी सरकार के एक कार्यकाल में 85 नई तहसीलों की घोषणा की गई। नई तहसीलों के गठन से राजस्व संबंधी कार्यो में लोगों को सहूलियत होगी। आय, जाति प्रमाण पत्र बनाने, जमीन से जुड़े मामलों का आसानी से निपटारा हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, श्री धन्वंतरि जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना का उल्लेख करते हुए इनके माध्यम से जनता को हो रहे लाभ की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर वर्ग के लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने क्षेत्र के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में रतनपुर को प्रसाद योजना में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके माध्यम से रतनपुर में विकास कार्य, जनसुविधाओं का विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री की पहल पर जलसंसाधन विभाग ने खूंटाघाट के टापू में रेस्टोरेंट बनाने और एक हेक्टेयर जमीन कॉटेज बनाने के लिए उपलब्ध कराया है। इससे खूंटाघाट में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर रतनपुर और बेलगहना से आए संदीप शुक्ला, आनंद जायसवाल, सुभाष अग्रवाल, कुलवंत सिंह, दामोदर क्षत्री, मदन कहरा, रामगोपाल कहरा, महावीर साहू, पूर्णिमा वैष्णव, कुमारी बाई सहित अनेक नागरिक शामिल थे।