प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने तक सुरक्षित परिसर में रखी जाएगी मूर्ति

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर गौरेला में उपजा विवाद फिलहाल शांत हो गया है। प्रशासन से भरोसा मिलने के बाद अमित जोगी ने अपना धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। फिलहाल प्रतिमा को उसी परिसर में सुरक्षित रखा गया है और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी कानूनी औपचारिकताओं के पूर्ण होते ही प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया जाएगा।

इससे पहले अमित जोगी ने स्पष्ट कहा था, “या तो यहां पापा (अजीत जोगी) की प्रतिमा लगेगी या मेरी अर्थी उठेगी।” उन्होंने बताया कि उनकी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव से बात हुई थी, जिन्होंने मूर्ति स्थापना के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है।

विवाद की जड़ : रातों-रात हटाई गई थी मूर्ति
कुछ दिनों पहले अज्ञात लोगों ने चबूतरे पर स्थापित स्व. अजीत जोगी की मूर्ति को रात में हटा दिया था और किसी अन्य स्थान पर रख दिया गया। इससे आक्रोश की स्थिति बनी और अमित जोगी समेत कई कार्यकर्ता विरोध में धरने पर बैठ गए। मामला तूल पकड़ता देख प्रशासन हरकत में आया और सभी पक्षों से चर्चा कर समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया।

प्रशासन ने दी जानकारी, दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी स्थापना
एसडीएम रिचा चंद्राकर ने बताया कि प्रतिमा की स्थापना बिना पूर्व अनुमति एवं नियमों की अनदेखी कर की गई थी। शासन की ओर से 2003 में जारी दिशा-निर्देश और 1998 के परिपत्र के अनुसार किसी भी महापुरुष की मूर्ति स्थापित करने के लिए पूर्व स्वीकृति जरूरी है। अब सहमति इस बात पर बनी है कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही प्रतिमा पुनः स्थापित की जाएगी। फिलहाल मूर्ति को परिसर में प्रशासन की देखरेख में सुरक्षित रखा गया है।

जोगी समर्थकों ने चेताया, आंदोलन की दी चेतावनी
अमित जोगी ने कहा कि 29 मई को स्व. अजीत जोगी की पुण्यतिथि है और वे नहीं चाहते कि इस दिन कोई टकराव की स्थिति उत्पन्न हो। लेकिन यदि शीघ्र मूर्ति स्थापित नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।

राजनीतिक बयानबाज़ी और ज्ञापन
इस मुद्दे पर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्व. अजीत जोगी जैसी शख्सियत के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं, भाजपा जिला अध्यक्ष लालजी यादव ने दावा किया कि नगरपालिका की बैठक में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन ठेकेदार ने उनकी जगह अजीत जोगी की मूर्ति लगा दी। 22 मई को मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा इसे हटाने का निर्देश भी दिया गया था। भाजपा नेताओं ने इस संबंध में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

पुलिस जांच जारी, अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल ने बताया कि मूर्ति हटाने के मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक विवाद का स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक मूर्ति को नहीं लगाया जाएगा।

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