रक्षा मंत्रालय से जमीन का हस्तांतरण नहीं, अटका एयरपोर्ट का विकास

बिलासपुर बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट में निकट भविष्य में नाइट लैंडिंग की सुविधा मिलने जा रही है, लेकिन इसके बावजूद यहां हवाई सेवा का विस्तार तेजी से संभव नहीं दिख रहा। इसका मुख्य कारण रनवे की लंबाई है, जो इस समय केवल 1500 मीटर है। इतनी लंबाई पर सिर्फ 72 सीटर एटीआर विमान ही उड़ान भर सकते हैं और यह विमान देश की केवल तीन एयरलाइंस कंपनियों के पास हैं।

स्टार एयरवेज ने जताई असमर्थता

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने जब स्टार एयरवेज से संपर्क किया, तो कंपनी के प्रबंधक सेंथिल राजा ने स्पष्ट किया कि बिलासपुर से उड़ान तभी शुरू की जा सकती है, जब रनवे कम से कम 1900 मीटर का हो। कंपनी के पास 8 अंब्रेरर विमान हैं, लेकिन इनका संचालन 1900 मीटर से कम रनवे पर संभव नहीं है।

जमीन के अभाव में अटका विस्तार

समिति को जानकारी दी गई कि रनवे विस्तार सेना के कब्जे वाली जमीन वापस मिलने पर ही संभव है। जब तक रनवे को 2200 मीटर तक नहीं बढ़ाया जाता, तब तक बोइंग और एयरबस जैसे बड़े विमान यहां नहीं आ सकते।

नाइट लैंडिंग के साथ रन वे का विस्तार भी हो

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने मांग रखी है कि नाइट लैंडिंग सुविधा के पूरा होते ही एयरपोर्ट की जमीन वापस कर रनवे को 700 मीटर बढ़ाकर 2200 मीटर किया जाए। समिति का कहना है कि एक बार रनवे बढ़ गया तो बिलासपुर में हवाई सेवा विस्तार की उड़ान को कोई नहीं रोक पाएगा।

महाधरना लगातार जारी

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महाधरना शनिवार को भी जारी रहा। इसमें रवि बनर्जी, देवेंद्र सिंह ठाकुर, आशुतोष शर्मा, मनोज तिवारी, अमर बजाज, शिरीष कश्यप, चित्रकांत श्रीवास, रामा बघेल, गोपी राव, मजहर खान, चंद्रप्रकाश जायसवाल, मोहसिन अली सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here