बिलासपुर।  शिक्षा, जन सुविधाओं और रोजगार के अवसरों पर कार्य योजनाओं, संकल्प और हुनर से ही फ्यूचर के ध्येय वाक्य के साथ आईसेक्ट का वार्षिक सम्मेलन रायपुर में आयोजित किया गया। इस दौरान आईसेक्ट की थीम सांग की लॉन्चिंग की गई और आईसेक्ट लिमिटेड की पहली एन्यूअल रिपोर्ट व कौशल चैम्पियनशिप की बुकलेट का विमोचन भी आमंत्रित अतिथियों ने किया।  इस अवसर पर एनएसडीसी के एसईओ प्रीतीश बेहरा आईसेक्ट के निर्देशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी आईसेक्ट के नेशनल नेटवर्क कोऑर्डिनेटर राजेश पंडा डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला तथा दूरवर्ती शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ अरविंद तिवारी उपस्थित थे।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रितीश बेहरा, एसईओ एनएसडीसी ने कहा कि आप और हम प्रगति करेंगे तो देश प्रगति करेगा। आज देश को कौशल की जरूरत है और आईसेक्ट छत्तीसगढ़ के साथ पूरे देश में कौशल के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है। इस तरह आईसेक्ट कौशल विकास के माध्यम से देश के विकास में अपना सहयोग दे रहा है। मैंने प्रदेश के उद्यमियों से मुलाकात की है, यहां के उद्यमी और केंद्र सही मायने में प्रभावित करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में काम करने वाले लोगों को वहां की जरूरत के अनुसार जॉब रोल के सुझाव देना चाहिए, ताकि और भी बेहतर कार्य किया जा सके।

इस अवसर पर उपस्थित दूरवर्ती शिक्षा के डायरेक्टर डॉ अरविंद तिवारी ने कहा कि सीवीआरयू निजी क्षेत्र क पहला विवि  है जिसके पास लगातार दूरस्त शिक्षा की मान्यता है। उन्होंने आईसेक्ट द्वारा किए जा रहे कौशल विकास के कार्य एनएसडीसी, पीएमकेके, एनएसक्यूएफ, एसएसडीएम, पीएमकेवीवाय, आरपीएल, डिजिटल लिटरेसी, बैकिंग और उच्च षिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि आईसेक्ट देष का सबसे बड़ा नेटवर्क है।  हमने छोटे षहरों और गांवों में सूचना तकनीक का प्रषिक्षण देकर युवाओं को उद्यमिता से जोड़ा है और हमने ये पूरा कार्य हिन्दी भाषा को आधार बनाकर किया है। संगोष्ठी में कौशल विकास परियोजना में आईसेक्ट के केन्द्रों की भूमिका, आईसेक्ट फाइनेंषियल इन्क्लूजन और यूआईडी सर्विस, ई- लर्निंग क्षेत्र एवं डिजिटल लिटरेसी अभियान की संभावनाएं और प्रधानमंत्री की कौशल विकास परियोजनाओं इत्यादि के संबंध में विस्तार से बात की गई। इस अवसर आईसेक्ट के जोनल हेड शशिकांत वर्मा, संभागीय प्रबंधक योगेश मिश्रा, सहित बडी संख्या में आईसेक्ट के अधिकारी कर्मचारी और उद्यमी उपस्थित रहे।

 

वार्षिक सम्मेलन में आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने पिछले वर्ष की उपलब्धियों के बारे मैं विस्तार से जानकारी दी। भावी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जल्द ही कौशल विकास केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। युवाओं को अधिक से अधिक रोजागर देने के लिए रोजगार मेलों का आयोजन राष्ट्रीय स्तर के साथ ब्लाक एवं पंचायत स्तर तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आाईसेक्ट द्वारा प्रतिवर्ष सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली चुनिंदा केन्द्रों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है।  उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में डिजिटल लिटरेसी, फाइनेंशियल इन्क्लूजन, यूआईडी, स्कूली षिक्षा और उच्च षिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और संभावनाओं में गहन विमर्ष कर नए वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित करना है।

इसी तारतम्य में रायपुर के साथ इसी तरह की संगोष्ठियां भोपाल, जयपुर, कानपुर, नासिक, दिल्ली, भुवनेश्वर, जम्मू, कोलकाता, हजारीबाग, पंचकुला, अहमदाबाद, पटना आदि शहरों में आयोजित होगी। उन्होंने  स्किल डेवलपमेंट, हायर एज्यूकेषन, सर्विसेस, न्यू एकेडमिक्स पर चर्चा की। इस दौरान आईसेक्ट एकेडमिक फार टेली प्रोग्राम, न्यू कोर्स इन एक्जिस्टींग एकेडमिक, बेचलर ऑफ वोकेशन प्रोग्राम, और हाई एंड डिजिटल स्किल प्रोग्राम्स विथ एचपी पार्टनरशिप की लांचिंग की गई।

 

इस अवसर पर डॉ. सी वी रामन विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को नेट के बी ग्रेड  प्रदान किया गया है । विश्व स्तरीय सुविधाओं को लेकर युवाओं को उच्च शिक्षा देने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने तक में सीवीआरयू अग्रणी विश्वविद्यालय है। इसके साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र के माध्यम से भी युवाओं को कौशल में दक्ष किया जा रहा है। विश्वविद्यालय और यहां के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों एवं अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि आईसेक्ट ने डाॅ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय, बिलासपुर, रबिन्द्रनाथ टैगोर  विष्वविद्यालय, भोपाल, आईसेक्ट विष्वविद्यालय हजारीबाग, डाॅ. सी.वी.रमन विष्वविद्यालय पटना और डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय खंडवा की स्थापना भी की है। ग्रुप उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में नया आयाम तय करेगा।

 

समारोह में आईसेक्ट के छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस दौरान कई अलग-अलग केटेगरी में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। इस पुरस्कार वितरण में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। दौरान राज्य के सभी जिलों से आए समन्वयक उत्साह से लबरेज नजर आए।

समारोह में एक्टर विनय पाठक ने सभी से रूबरू हुए। उन्होंने आईसेक्ट के डायरेक्टर सिद्वार्थ चतुर्वेदी से अपने जीवन की बातें साझा करते हुए बताया कि जीवन के संघर्षों को दिनों को  सार्वजनिक करके संघर्ष के मूल्यों को कम नहीं करना चाहिए । संघर्ष को रोमांस बनाना मैंने सीखा और उसके सहारे भी आज जीवन जी रहा हूं । उन्होंने कहा कि संसार में बहुत कम या लगभग 5% लोग ही होते हैं जो अपने मन का काम करते हैं। बाकी लोग वही करते हैं जो उन्हें करना पड़ता है और मैं बहुत खुश नसीब हूं जो मैं अपने मनपसंद काम करता हूं। मैं उन पांच परसेंट लोगों में शामिल हूं। मैं वही काम करता हूं जो मुझे करना आता है और वही मेरी ताकत है मैं वह काम बिल्कुल भी नहीं करता जो मुझे नहीं आता और वही काम मेरी कमजोरी भी है।  उन्होंने कहा कि जीवन में इतना प्यार इतना इतने इतने लोगों का आशीर्वाद मिला यही जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है।

 

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