गवाह बयान देने के बाद गायब, शिकायतकर्ता ने सामने लाने की मांग की

बिलासपुर। स्टेट बार कौंसिल चुनाव में मतपत्रों से छेड़छाड़ को लेकर दर्ज कराई गई एफआईआर पर पांच साल बाद कार्रवाई करते हुए सिविल लाइन पुलिस ने तत्कालीन प्रभारी सचिव मल्लिका बल को गिरफ्तार कर लिया है। बल ने कल ही हाईकोर्ट में एफआईआर को रद्द करने की याचिका दायर की थी। बल के खिलाफ बयान देने वाला गवाह गायब है जिसे शिकायतकर्ता ने सामने लाने की मांग की है।

एडिशनल एसपी ओपी शर्मा ने बताया कि अधिवक्ता बल के खिलाफ दस्तावेजों में छेड़छाड़ को लेकर 467, 468 और 471 आईपीसी के अंतर्गत सन् 2014-15 में अपराध दर्ज किया गया था। कोर्ट में सुनवाई लम्बित होने के कारण एफआईआर पर कार्रवाई नहीं की गई थी।

स्टेट बार कौंसिल के चुनाव में प्रथम वरीयता वाले सदस्यों के चुने जाने के बाद द्वितीय वरीयता वाले मतपत्रों में छेड़छाड़ किये जाने की शिकायत अधिवक्ता अवध त्रिपाठी व अन्य की ओर से सिविल लाइन थाने में की गई थी साथ ही हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने सुनवाई होने तक पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। शिकायत है कि कुछ प्रत्याशियों को जिताने के लिये मतपत्रों और उन्हें प्राप्त अंकों में अलग स्याही और हैंड राइटिंग का इस्तेमाल किया गया। क्लर्क अनुराग शर्मा इसमें महत्वपूर्ण गवाह है जिसने पुलिस को हाल ही में दिये गये बयान में बताया है कि तत्कालीन प्रभारी सचिव मल्लिका बल और उसके साथ अन्य कुछ लोगों ने रात के समय में बार कौंसिल के कार्यालय में ताला खोलकर प्रवेश किया था।

महिला आरक्षक के साथ झूमा-झटकी

सिविल लाइन थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिये पुलिस जब उसके घर पहुंची तो पहले तो उसकी मां और भाई ने घर पर उसके नहीं होने की बात कही। जब पुलिस ने बताया कि हमारी सूचना पक्की है और वह घर पर ही हैं, तब बाहर निकलकर आरोपी ने महिला पुलिस आरक्षक और अन्य स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया और झूमा झटकी की।

त्रिपाठी ने गवाह को सामने लाने की मांग की

शिकायतकर्ता अधिवक्ता अवध त्रिपाठी ने स्टेट बार कौंसिल को आज एक पत्र देकर मांग की है कि गवाह अनुराग शर्मा पुलिस में बयान देने के बाद पिछले 10 दिनों से दफ्तर नहीं आ रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि गवाह की सुरक्षा को लेकर हम चिंतित हैं। वह हमारे दफ्तर (बार कौंसिल कार्यालय) का नियमित कर्मचारी है। त्रिपाठी ने अपने पत्र में कहा है कि उन्होंने बार कौंसिल के सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी, जो उपलब्ध नहीं कराई गई है। उन्हें आशंका है कि टैम्परिंग बार कौंसिल में प्रवेश करने वालों ने की, जिससे कैमरे की रिकॉर्डिंग महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

दूसरी ओर यह पता चला है कि गवाह अनुराग शर्मा ने बार कौंसिल में एक आवेदन देकर अधिवक्ता त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत की है कि उसे बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया और दबाव डालकर बार कौंसिल चुनाव में गड़बड़ी का बयान दिलाया गया।

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