पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव, सरकार ने नागरिकों की तैयारी बढ़ाने के लिए उठाया कदम

नई दिल्ली। पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम आतंकी हमले में 22 अप्रैल को 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने देश के 244 चिन्हित जिलों में बुधवार, 7 मई को व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम युद्ध जैसे हालात की आशंका के मद्देनजर नागरिकों की तैयारी को परखने और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

ड्रिल में होंगे ब्लैकआउट, सायरन, लोगों की सुरक्षा और रिहर्सल
गृह मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि इन मॉक ड्रिल में नागरिकों को हमले के समय खुद को सुरक्षित रखने के तरीकों की जानकारी दी जाएगी। इसमें एयर रेड सायरन बजाना, अंधकार अभ्यास (ब्लैकआउट), महत्वपूर्ण औद्योगिक संस्थानों और संयंत्रों को छलावरण (कैमोफ्लाज) करना और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की रिहर्सल शामिल है।

1971 के युद्ध के बाद फिर से नागरिक सुरक्षा का बड़ा अभ्यास
इस तरह का नागरिक सुरक्षा अभ्यास आखिरी बार वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान देखा गया था। अब एक बार फिर इसी पैमाने पर तैयारी की जा रही है। यह अभ्यास यह दर्शाता है कि देश युद्ध की आशंका को लेकर गंभीरता से तैयारी कर रहा है। आमतौर पर इस प्रकार की मॉक ड्रिल भूकंप या इमारत ढहने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए की जाती हैं, लेकिन इस बार ‘बाहरी खतरे’ से निपटने की तैयारी की जा रही है।

244 जिलों में क्यों?
इन 244 जिलों में सीमावर्ती इलाके, बड़े औद्योगिक क्षेत्र, महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठान और प्रमुख शहर शामिल हैं। इन्हें संवेदनशील माना गया है और यहां नागरिकों को किसी भी संभावित युद्ध या हमले के लिए तैयार किया जा रहा है।

पाकिस्तान को लेकर देश में आक्रोश, जवाबी कार्रवाई की मांग तेज
पहालगाम हमले के पीछे पाकिस्तान के हाथ की पुष्टि के बाद देशभर में जवाबी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को भी घटाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान—”कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी”—ने इस आक्रोश को और हवा दी है।

फिरोजपुर में दो दिन पहले किया गया था ब्लैकआउट अभ्यास
इसके पहले 4 मई को पंजाब के फिरोजपुर छावनी क्षेत्र में रात 9 बजे से 9:30 बजे तक 30 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया था। इस दौरान पूरे इलाके की लाइटें बंद कर दी गईं थीं। यह अभ्यास जिला प्रशासन की निगरानी में किया गया था।

क्या युद्ध के कगार पर हैं भारत और पाकिस्तान?
हालात देखकर यह सवाल उठना लाजमी है। सरकार के हालिया कदम—मॉक ड्रिल, ब्लैकआउट रिहर्सल और सैन्य स्तर पर तैयारियां—इस ओर इशारा कर रहे हैं कि युद्ध की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजरें टिकीं
इजराइल में यमनी हूथी हमले से वहां का हवाई अड्डा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। इस घटनाक्रम को भी गृह मंत्रालय ने एक चेतावनी के रूप में देखा है और कहा है कि इस कारण भी देश को हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा।

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