कहा-जिस तरह हाईकोर्ट के आदेश खिलाफ कमेटी ने फैसला लिया है,  वैसा पुलिस भी करे

बिलासपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर एफआईआर दर्ज करने के विरोध में उनके पुत्र अमित जोगी आज सिविल लाइन पहुंच गये। उन्होंने हाईकोर्ट में आए एक फैसले का हवाला देते हुए पुलिस को चुनौती दी कि वे उन्हें भी गिरफ्तार करके बताएं।

29 अगस्त की रात सिविल लाइन थाने में पूर्व मुख्यमंत्री व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ उच्च स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है।

सिविल लाइन थाना प्रभारी के नाम पर दिये गए ज्ञापन में अमित जोगी ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी रहीं समीरा पैकरा की मेरे विरुद्ध दायर चुनाव याचिका ख़ारिज़ करते हुए हाईकोर्ट ने 30 जनवरी 2019 को कंडिका 60 में आदेश दिया है कि संविधान और अनुसूचित जाति आदेश 1950 किसी को भी उनकी कंवर जाति छीनने का अधिकार नहीं देता। दूसरी ओर जाति प्रमाणिकरण उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने 23 अगस्त को उनके पिता अजीत जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। समिति की रिपोर्ट की कंडिका 12 में यह हास्यास्पद बात लिखी गई है कि उच्च-न्यायालय का आदेश केवल अमित जोगी पर लागू होगा। आज तक बेटे की जाति पिता से ही तय होती है। दूसरी ओर समिति के सदस्य स्वामी भक्ति में उल्टी गंगा बहा रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेश को एक प्रशासनिक आदेश के जरिये खारिज किया गया है। जिस तरह अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उसी तरह उनके खिलाफ भी हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए एफआईआर दर्ज की जाये।

इधर एडिशनल एसपी ओमप्रकाश शर्मा ने कहा है कि अजीत जोगी के विरुद्ध बीती रात दर्ज एफआईआर पर जांच चल रही है।आगे की कार्रवाई इसके बाद ही होगी।

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