डबल बेंच से आंशिक राहत, अगली सुनवाई 23 मई को

नई दिल्ली। प्रसिद्ध संगीतकार एआर रहमान इन दिनों एक कॉपीराइट विवाद को लेकर कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। यह विवाद उनकी हालिया फिल्म पोन्नियिन सेल्वन 2 के लोकप्रिय गीत ‘वीरा राजा वीरा’ को लेकर है, जिसे लेकर दिग्गज शास्त्रीय गायक उस्ताद फैयाज वसीफुद्दीन डागर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि यह गीत उनके पारिवारिक धरोहर ‘शिव स्तुति’ की नकल है, जिसे उनके पिता और चाचा, प्रसिद्ध जूनियर डागर ब्रदर्स, ने 1970 के दशक में रचा था।

बिना अनुमति और श्रेय के इस्तेमाल का आरोप

डागर का कहना है कि रहमान और फिल्म के निर्माता मद्रास टॉकीज और लाइका प्रोडक्शंस ने न तो उनसे अनुमति ली और न ही उन्हें किसी प्रकार का श्रेय दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गीत की धुन, स्वर-संयोजन और प्रस्तुति में ‘शिव स्तुति’ की स्पष्ट छवि दिखाई देती है।

कोर्ट का प्रारंभिक निर्णय

दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ, जस्टिस प्रथिबा एम. सिंह, ने 25 अप्रैल को सुनवाई करते हुए माना कि ‘वीरा राजा वीरा’ केवल प्रेरित नहीं है, बल्कि ‘शिव स्तुति’ का लगभग समान संस्करण है, जिसमें केवल शब्दों का परिवर्तन किया गया है। कोर्ट ने इसे कॉपीराइट उल्लंघन मानते हुए रहमान और निर्माताओं को 2 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करने और डागर को 2 लाख रुपये की कानूनी लागत चुकाने का निर्देश दिया।

राग अडाना पर आधारित विवाद

याचिका में यह तर्क दिया गया कि दोनों रचनाएं राग अडाना पर आधारित हैं, जो सार्वजनिक डोमेन का हिस्सा है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि स्वर, आलाप, खिंचाव और प्रस्तुति शैली ‘शिव स्तुति’ की मौलिकता को दर्शाते हैं, जो रहमान की रचना में काफी हद तक समान है।

डिवीजन बेंच ने आंशिक राहत दी

6 मई को दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच (जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस अजय दिगपॉल) ने रहमान की अपील पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ के उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी, जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म पर डागर परिवार को श्रेय देने को कहा गया था।

हालांकि, 2 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश यथावत रखा गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राशि केवल प्रक्रियात्मक उद्देश्य के लिए जमा कराई जा रही है और यह मुकदमे के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। यह राशि तब तक फिक्स्ड डिपॉजिट में रहेगी।

अगली सुनवाई 23 मई को

अब रहमान की अपील और अंतरिम राहत याचिका पर अंतिम सुनवाई 23 मई 2025 को होगी। तब तक के लिए उन्हें ओटीटी पर श्रेय देने से राहत मिली है, लेकिन वित्तीय जिम्मेदारी अभी भी उन पर बनी हुई है।

रहमान का पक्ष

रहमान के वकील का तर्क है कि ‘शिव स्तुति’ एक पारंपरिक ध्रुपद रचना है, जो सार्वजनिक डोमेन में आती है और इसलिए उस पर कॉपीराइट लागू नहीं होता। उन्होंने कहा कि ‘वीरा राजा वीरा’ एक स्वतंत्र और मौलिक रचना है, जो भले ही प्रेरित हो, परंतु उसकी प्रतिकृति नहीं है।

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