बिलासा सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन

बिलासपुर। बिलासा सभागार में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय परिवार द्वारा पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ. संजय अलंग का आभार एवं कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुधीर शर्मा ने डॉ. संजय अलंग के साथ अपने प्रशासनिक अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि डॉ. अलंग की लिखी शोध एवं साहित्य के क्षेत्र की विभिन्न पुस्तकें विश्वविद्यालय के केन्द्रीय ग्रंथालय में उपलब्ध है। उन्होंने इसका लाभ लेने की बात कहीं। डॉ. शर्मा ने कहा कि कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी के अनुभवों एवं उनका शोध विश्वविद्यालय के लिये मील का पत्थर साबित होगा।

पूर्व कुलपति एवं संभागायुक्त डॉ. अलंग ने कहा कि यह विश्वविद्यालय मेरा मायका है इसलिये इसके साथ उनका प्रेम सदैव बना रहेगा। उन्होंने प्रो. वाजपेयी को दो सूर्य वाला कुलपति बताते हुए कहा उनके इस तेज से पूरा विश्वविद्यालय ऊर्जा एवं प्रकाशमान होगा। उन्होंने कर्मचारियों एवं प्राध्यापकों को उनके तेज को सहने की बात कही। उन्होनें कहा कि इस विश्वविद्यालय में कार्य के अनंत संभावनायें है तथा इसे नये कुलपति को आगे के लिये बधाई देते हुए सहयोग की बात कही।

कुलपति प्रो. वाजपेयी ने महाभारत के श्लोक से वक्तव्य आरंभ किया। जैसा डॉ. अलंग ने उन्हें दो सूर्य वाला कहा, वहीं उन्होंने डॉ. अलंग की महाभारत के संजय से उनकी तुलना की। अपने इतने साल के अनुभव के बाद ऐसा प्रशासनिक आई.ए.एस. अधिकारी देखा जिसकी साहित्य में गहरी रूचि है। उन्होंने छात्र-छात्राओं महाविद्यालय, कर्मचारी, प्राध्यापक तथा सबसे महत्वपूर्ण शोध के क्षेत्र में अपने पूरे भारत में फैले उनके परिचय का लाभ देने की बात कही।  पूर्व एवं वर्तमान कुलपतियों को उनकी कविताओं के बने हुई स्मृति चिन्ह विश्वविद्यालय परिवार की ओर से भेंट किया गया।

कार्यक्रम के लिये परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रवीण पाण्डे ने आभार व्यक्त किया। साथ ही सौमित्र तिवारी एवं डॉ. सुमोना भट्टाचार्य को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में यशवंत कुमार पटेल, डॉ. पूजा पाण्डेय, गौरव साहू, हामिद अब्दुल्ला, डॉ. सीमा बेलोरकर, डॉ लतिका भाटिया, डॉ.. एस.आर. कमलेश, डॉ. मनोज सिन्हा, डॉ. अन्नू भाई सोनी, डॉ. आलोक शर्मा तथा कर्मचारियों में प्रदीप सिंह, नेहा यादव, विकास शर्मा, मनीष सक्सेना आदि उपस्थित थे।

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