करीब 300 किलोमीटर में सुविधा शुरू, पूरा जोन दायरे में लाने की कवायद
बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों में शुरू की गई ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली का काम पूरा होते ही इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या दोगुनी तक बढ़ाई जा सकेगी। दो ट्रेनों के बीच 15 मिनट की दूरी भी घटाकर 8 मिनट कर दी जाएगी, जिससे ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी।
रेलवे की ओर से बताया गया है कि इस समय कलमना से रसमड़ा 259 किलोमीटर, जयराम नगर से बिल्हा 32 किलोमीटर और बिल्हा से घुटकू 16 किलोमीटर सेक्शन में ऑटो सिंगल सिस्टम चालू किया जा चुका है। भविष्य में चांपा से गेवरा रोड, जयराम नगर से अकलतरा एवं बिल्हा से निपनिया तक ऑटो सिग्नलिंग का प्रयोग शुरू कर दिया जाएगा। आने वाले समय में परंपरागत सिग्नलिंग एब्सलूट ब्लॉक सिस्टम के स्थान पर पूरी तरह ऑटोमेटिक सिस्टम लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ट्रेनों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एसईसीआर जोन के झारसुगुड़ा से नागपुर तक की मेन लाइन को कवच सिस्टम के दायरे में लाया जा रहा है।
ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगने से ट्रेनों को बेवजह कहीं भी खड़ी नहीं करना पड़ेगा। इस सिस्टम के चालू हो जाने से एक ही रूट पर एक के पीछे एक बिना देर किए आसानी से ट्रेनों को चलाया जा सकेगा। एक ही ट्रैक पर दो स्टेशनों के बीच की दूरी के अनुसार दो-तीन या उससे अधिक ट्रेनें भी चलाई जा सकती हैं एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के बीच की दूरी 12 से 15 किलोमीटर तक होती है और इसे तय करने में 15 मिनट का समय लगता है। पहली ट्रेन के रवाना होने के 15 मिनट के बाद अभी दूसरी ट्रेन चलाई जाती है। ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लागू होने के बाद यह समय घटाकर 7 से 8 मिनट कर दिया जाएगा। इससे चलने वाली ट्रेनों की संख्या दोगुनी की जा सकेगी और गंतव्य तक जल्दी पहुंचेगी।