महिला कैदियों के लिए विशेष विधिक सहायता व स्वास्थ्य शिविर लगा
बिलासपुर। विधिक सेवा दिवस के अवसर पर केन्द्रीय जेल बिलासपुर में शनिवार को विधिक सेवा शिविर रखा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एनडी तिगाला ने इस मौके पर कैदियों को बताया कि वे अपने मुकदमों में पैरवी के लिए वकीलों की निःशुल्क सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
तिगाला ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य नागरिकों को न्याय के समान अवसर उपलब्ध कराना है। इसे विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत अधिनियमित किया गया तथा 9 नवंबर 1995 को क्रियान्वित किया गया। हर साल इस दिन पूरे देश में विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है।
तिगाला ने विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से सजायाफ्ता बंदियों की ओर से अपील सुनिश्चित करने के लिए चलाई जा रही मुहिम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बंदी न्यायालय के निर्णय की प्रति को संभाल कर रखें और अपील के अपने अधिकार का उपयोग करने के लिए विधिक सहायता योजना का लाभ लें। वे स्वयं के अधिवक्ता के माध्यम से भी अपील प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने बंदियों से कहा कि तात्कालिक परिस्थितियों में अथवा आवेग में घटित अपराध का प्रायश्चित कर वे जेल से बाहर निकलने के बाद अपने परिवार और समाज के प्रति दायित्वों का निर्वहन करें।
शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डी.डी चौहान ने बंदियों के अधिकार के संबंध में जानकारी दी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की उप-सचिव श्वेता श्रीवास्तव ने राज्य प्राधिकरण के माध्यम से संचालित विधिक सेवा गतिविधियों की जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के सचिव बृजेश राय ने केन्द्रीय जेल में संचालित लीगल एड क्लीनिक, जेल विजिट लॉयर एवं अपील संबंधी चलाये गये मुहिम के संबंध में जानकारी दी। विधिक सहायता अधिकारी व्ही.बी. मिश्रा ने विधिक सेवा प्राधिकरण के गठन के उददेश्य तथा न्याय के समान अवसर के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर केन्द्रीय जेल के उप-अधीक्षक यू.के. पटेल, जेलर ए.के.बाजपेयी, जेल स्टॉफ, पैरालीगल वॉलिंटियर्स उपस्थित थे।
महिला बदी प्रकोष्ठ में विशेष विधिक सहायता एवं स्वास्थ्य शिविर
विधिक सेवा दिवस के अवसर पर केन्द्रीय जेल बिलासपुर के महिला प्रकोष्ठ में महिला बंदियों के लिए विशेष विधिक सहायता शिविर एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया। महिला बंदियों को जिला न्यायाधीश नो विधिक सेवा दिवस की बधाई देते हुए जेल से रिहा होकर पारिवारिक व सामाजिक दायित्व के निर्वहन करने की शुभकामना दी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की उप-सचिव श्वेता श्रीवास्तव ने महिला बंदियों को उनके विधिक अधिकारों तथा निःशुल्क विधिक सहायता योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जेल में निरूद्ध महिलाओं के स्वास्थ्य के देखभाल की जिम्मेदारी राज्य की है, इसके लिए आज जेल में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। महिलाएं अपनी कानूनी अथवा स्वाथ्य संबंधी समस्याओं के संबंध में जानकारी देकर समाधान प्राप्त कर सकती हैं। कार्यक्रम को सीजेएम डी.डी. चौहान ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से महिला बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया तथा दवाओं का वितरण किया गया। कार्यक्रम में जिला न्यायालय बिलासपुर की महिला न्यायाधीश श्वेता पटेल, आकांक्षा राठौर, सतप्रीत कौर छाबड़ा, नीलम बंसोड़े, विधिक सहायता अधिकारी व्ही.बी. मिश्रा, रामहित पाण्डेय, सहायक प्रोटोकॉल अधिकारी, केन्द्रीय जेल के अधिकारी एवं जेल स्टॉफ, पैनल अधिवक्ता रश्मि पाण्डेय, पैरालीगल वॉलिंटियर्स महेन्द्र गुप्ता, जिला चिकित्सालय के चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी आदि उपस्थित थे।
विधिक सेवा दिवस पर यह आयोजन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के न्यायधीश व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देशानुसार किया गया था।