दो घंटे में गिरफ्तार कर पुलिस ने पूरी रकम बरामद कर ली

बिलासपुर। बैंक का ताला तोड़कर बैंक के अधिकारी ने 6 लाख 77 हजार रुपये चुरा लिये। सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस ने महज दो घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर पूरी रकम बरामद कर ली।

जना स्मॉल फाइनेंस बैंक शाखा अशोकनगर के मैनेजर सादिक अहमद ने सरकंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 16 सितंबर को जब उसने बैंक खोला तो पता चला बैंक का ताला टूटा हुआ है। अंदर जाकर देखा तो अलमारी खुली हुई थी। बैंक के अलमारी में वसूली किए गए कुल छह लाख 77 हजार 73 रुपये को बैंक के कर्मचारियों से इकट्ठा करके अलमारी में ताला लगा कर रखा था। अलमारी में रखी रकम किसी अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ली गई थी।

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने तत्काल आरोपी की तलाश करने का निर्देश दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली के निर्देशन में थाना प्रभारी सरकंडा जयप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में थाने की टीम गठित कर मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया।

बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे को बारीकी से चेक किया गया, जिसमें एक व्यक्ति नकाब बांधकर घटना को अंजाम देते हुए दिखा। हुलिये के अनुसार बैंक में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ की गई। कुछ कर्मचारी संदिग्ध लगे।

अलग-अलग पूछताछ के दौरान बैंक का एक अधिकारी गोल गोल बात कर गुमराह करने की कोशिश करने लगा। उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। उसने अपना नाम भूपेश श्रीवास्तव पिता वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव उम्र 30 वर्ष निवासी रतनपुर बताया। वर्तमान में जरहाभाठा मंदिर के पास अरफा लॉज में रहता है तथा बैंक में एरिया हेड के पद पर कार्यरत है। आरोपी ने बताया कि रविवार को आधे दिन के लिए बैंक खुला था। शनिवार और रविवार को बैंक कर्मचारियों द्वारा जमा किए गए रकम को उसने मैनेजर को अलमारी में रखते हुए देखा था। उसे अपने पिताजी के इलाज के लिए पैसे की जरूरत थी। इसलिए 15 सितंबर को रात्रि लगभग 9 बजे दरवाजा और अलमारी का ताला तोड़कर उसने रुपए चुरा लिये और घर ले जाकर छिपा दिया। आरोपी के कमरे से रकम बरामद कर ली गई तथा उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

कार्रवाई में थाना प्रभारी सरकंडा जेपी गुप्ता उपनिरीक्षक बीआर सिन्हा, प्रधान आरक्षक जितेश सिंह, आरक्षक सोनू पाल, आरक्षक बलवीर सिंह, आरक्षक प्रमोद सिंह, आरक्षक लखन खांडेकर, आरक्षक राकेश यादव आरक्षक सरफराज एवं आरक्षक गोकुल जांगड़े की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

 

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