हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति की मांग, महाधरना जारी
बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर में एजुकेशन सिटी बनाने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि अगर इस महत्वाकांक्षी परियोजना को ऊंचाई तक पहुंचाना है, तो यहां 4सी श्रेणी के एयरपोर्ट की भी सख्त जरूरत है। समिति ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि इस एयरपोर्ट के लिए कम से कम 300 करोड़ रुपए की राशि घोषित की जाए।
समिति का कहना है कि एजुकेशन सिटी तभी सफल होगी जब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान और शिक्षक यहां आसानी से आ-जा सकें। इसके लिए यहां से सभी बड़े महानगरों तक सीधी उड़ान की सुविधा होनी चाहिए। यदि ऐसा हुआ, तो देश-विदेश के विशेषज्ञ यहां गेस्ट फैकल्टी के रूप में आकर विद्यार्थियों को लाभान्वित कर सकेंगे।
समिति ने कहा कि पहले से ही बिलासपुर में राज्य का हाई कोर्ट, रेलवे का सबसे बड़ा ज़ोन, केंद्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिण पूर्व कोलफील्ड्स लिमिटेड का कार्यालय और एनटीपीसी जैसे कई बड़े पॉवर प्लांट मौजूद हैं। अब एजुकेशन सिटी की स्थापना से साफ है कि यहां आने-जाने वालों की संख्या और बढ़ेगी। ऐसे में एक उच्च स्तरीय एयरपोर्ट यहां की जरूरत बन चुकी है।
समिति ने यह भी कहा कि अगर हवाई सुविधा नहीं दी गई, तो एजुकेशन सिटी भी अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल नहीं हो पाएगी। इसलिए अब यह समय आ गया है कि सरकार इस दिशा में ठोस निर्णय ले।
समिति ने मांग रखी है कि एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में 71 करोड़ रुपए की राशि रक्षा मंत्रालय को दी जाए, ताकि एयरपोर्ट के लिए जरूरी 290 एकड़ ज़मीन सेना से वापस लेकर प्रबंधन को सौंपी जा सके। इसके बाद हर साल बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान कर अगले 3 से 5 साल में एयरपोर्ट निर्माण का काम पूरा किया जाए।
इसी मांग को लेकर समिति का महाधरना आज भी जारी रहा। धरना स्थल पर अनिल गुलहरे, प्रदीप राही, मनहरण केवट, समीर अहमद, बबला केशव, गोरख शेख, अल्फ़ाज़, प्रकाश बहरानी, आशुतोष शर्मा, प्रतीक तिवारी, अशोक भंडारी, मनोज श्रीवास, देवेंद्र सिंह ठाकुर, गोपी राव, संतोष पीपलवा, प्रेमदास मानिकपुरी, रणजीत सिंह खनूजा, अकील अली, मोहसिन अली और सुदीप श्रीवास्तव मौजूद रहे।