बिलासपुर। बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट के विस्तार की राह अभी भी अटकी हुई है। अगस्त का महीना खत्म हो गया, लेकिन एयरपोर्ट और रनवे विस्तार के लिए जरूरी 290 एकड़ जमीन रक्षा मंत्रालय से राज्य सरकार को नहीं मिल पाई। सबसे बड़ी बात यह है कि अब तक इस मुद्दे पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच किसी भी उच्च स्तरीय बैठक की खबर सामने नहीं आई है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का कहना है कि यह जमीन लंबे समय से वापसी के इंतजार में है। दरअसल, 2011-12 में एयरपोर्ट के चारों ओर की 1012 एकड़ जमीन रक्षा मंत्रालय को ट्रेनिंग सेंटर और मिलिट्री स्टेशन के लिए दी गई थी, लेकिन 2016 में यह योजना रद्द कर दी गई। 2019 से रक्षा मंत्रालय ने इस जमीन को अनुपयोगी घोषित कर वापस करने की सहमति भी दे दी थी। बावजूद इसके जमीन की वापसी प्रति एकड़ कीमत को लेकर अब तक अटकी हुई है।
समिति का आरोप है कि रक्षा मंत्रालय पहले ही जमीन वापसी को मंजूरी दे चुका है, लेकिन राज्य सरकार की ढिलाई के कारण यह मामला सालों से अटका हुआ है।
इधर, समिति का महाधरना शनिवार और रविवार को जारी रहा, जिसमें बद्री यादव, अनिल गुलहरे, रवि बनर्जी, डॉ. प्रदीप राही, रामशरण यादव, रशीद बख्श, वीरेंद्र गहवई, गोपी राव, संतोष पीपलवा, समीर अहमद बबला, देवेंद्र सिंह ठाकुर, महेश दुबे टाटा, मनोज तिवारी, आशुतोष शर्मा, रणजीत सिंह खनूजा, शिव मुदलियार, प्रेमदास मानिकपुरी, अमर बजाज, ब्रह्मदेव सिंह ठाकुर, विकल्प तललवार, दीपक कश्यप, रमाशंकर बघेल, मजहर खान, शेख अल्फाज, मोहसिन अली और सुदीप श्रीवास्तव मौजूद रहे।