बिलासपुर। रेलवे जोन आंदोलन की तरह अब हवाई सुविधा आंदोलन भी बिलासपुर की अस्मिता का प्रतीक बन गया है। शहर में 4C श्रेणी का एयरपोर्ट और सभी महानगरों तक सीधी हवाई सेवा की मांग को लेकर चल रहा यह जनसंघर्ष लगभग छह साल पूरे कर चुका है।
समिति का आरोप: बिलासपुर के साथ लगातार अन्याय
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि उत्तर छत्तीसगढ़ की 40% आबादी का प्रमुख केंद्र बिलासपुर है। यहां राज्य का हाईकोर्ट और केंद्र सरकार के कई संस्थान मौजूद हैं, बावजूद इसके हवाई सुविधा के नाम पर लगातार अन्याय किया जा रहा है। समिति ने सवाल उठाया कि क्या सरकार रायपुर, दुर्ग और भिलाई से बाहर अन्य क्षेत्रों को महत्व देने को तैयार है?
मुख्यमंत्री की चुप्पी पर नाराजगी
समिति ने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले डेढ़ साल में छह बार बिलासपुर आ चुके हैं, लेकिन एयरपोर्ट विस्तार पर कभी कोई घोषणा नहीं की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शहर बिलासपुर अब भी विकास राशि के लिए तरस रहा है।
400 करोड़ की मांग
समिति ने कहा कि एयरपोर्ट को 4C श्रेणी में बदलने के लिए अगले 3-4 साल में लगभग 400 से 500 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। राज्य का बजट 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, ऐसे में यह राशि बहुत छोटी मानी जाएगी। समिति ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मांग की है कि 400 करोड़ रुपये का पैकेज तत्काल स्वीकृत करें और प्राथमिकता से 72 करोड़ रुपये रक्षा मंत्रालय को देकर 290 एकड़ जमीन एयरपोर्ट प्रबंधन को दिलाई जाए, ताकि रनवे विस्तार का काम शुरू हो सके।
आंदोलनकारियों की प्रतिबद्धता
समिति ने स्पष्ट किया कि 26 अक्टूबर को आंदोलन के छह साल पूरे हो जाएंगे और जब तक 4C एयरपोर्ट व सीधी हवाई सेवा उपलब्ध नहीं हो जाती, संघर्ष जारी रहेगा।
आंदोलनकारियों की मौजूदगी
आज हुए महाधरने में रवि बनर्जी, मनोज श्रीवास, बद्री यादव, गणेश खांडेकर, शिरीष कश्यप, पूर्व महापौर रामशरण यादव, गोपी राव, देवेंद्र सिंह ठाकुर, अनिल गुलहरे, रोशन वैद्य, अभिमन्यु मलिक, संतोष पीपलवा, अशोक भंडारी, मोहन जायसवाल, छवि कश्यप, अमर बजाज, मनोज तिवारी, महेश दुबे, डॉ. प्रदीप कुमार, रही मजहर खान, परसराम केवट, चंद्र प्रकाश जायसवाल, आशुतोष शर्मा, साबर अली, रमाशंकर बघेल, अखिल अली, मोहसिन अली और सुदीप श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।