बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में जल्द ही एक बड़ा कदम स्वच्छता और हरित ऊर्जा की दिशा में उठाया जा रहा है। यहां कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) प्लांट की स्थापना होने जा रही है, जिसमें भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित “मंथन” सभागार में अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ की विशेष उपस्थिति में तीन पक्षीय समझौता (Concession Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता BPCL, बिलासपुर नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (CBDA) के बीच हुआ। इस अवसर पर कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसएसपी रजनीश सिंह, निगम आयुक्त अमित कुमार, CBDA के सीईओ सुमित सरकार, BPCL के बायोफ्यूल प्रमुख अनिल कुमार पी और नोडल अधिकारी अनुपम तिवारी मौजूद रहे।

कछार में 10 एकड़ भूमि चिन्हांकित

CBG प्लांट को बिलासपुर से लगे कछार इलाके में 10 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। यह जमीन BPCL को रियायती दर पर दी गई है। इसी स्थान पर नगर निगम पहले ही एक RDF प्लांट स्थापित कर चुका है। BPCL, GAIL और CBDA की टीम पहले ही स्थल का निरीक्षण कर चुकी है।

10 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य

इस संयंत्र से प्रतिदिन 5 से 10 मीट्रिक टन कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन होगा। इसके लिए प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन ठोस नगरपालिका कचरे का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही अतिरिक्त बायोमास को भी जरूरत के अनुसार उपयोग में लाया जाएगा।

क्या होंगे फायदे?

  • 30 हजार मानव दिवस का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार प्रतिवर्ष उत्पन्न होगा।
  • प्लांट निर्माण के दौरान भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बनेंगे।
  • संयंत्र से प्राप्त जैविक खाद से ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
  • ग्रीनहाउस गैसों में कमी आएगी और शहर की स्वच्छता में सुधार होगा।
  • CBG के उपयोग से शहर नेट जीरो उत्सर्जन की ओर बढ़ेगा।
  • संयंत्र के पूर्ण उत्पादन और बिक्री पर हर साल ₹1 करोड़ का GST मिलेगा।

क्या है कंप्रेस्ड बायो गैस?

CBG, कृषि अवशेष, गोबर, गन्ने के अवशेष, नगर कचरा, सीवेज आदि से तैयार किया जाता है। यह एक प्रक्रिया के तहत गैस को साफ कर कंप्रेस किया जाता है, जिससे इसमें मीथेन की मात्रा अधिक होती है। यह सामान्य प्राकृतिक गैस (CNG) के समान होता है और वाहनों के ईंधन, उद्योग व व्यवसाय में इस्तेमाल किया जा सकता है।

आगे और क्या योजना है?

इस मौके पर नगर निगम बिलासपुर और BPCL के बीच इंटीग्रेटेड एनर्जी यूनिट की स्थापना को लेकर भी बातचीत हुई। इस यूनिट में बायोगैस वाहनों में ईंधन भरने और इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की सुविधा होगी। इसके लिए कोनी बस डिपो के पास जमीन BPCL को दी जाएगी। BPCL ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है।

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