अमृत भारत योजना के तहत 435 करोड़ की लागत से होगा नवीनीकरण

बिलासपुर, 5 सितंबर। बिलासपुर रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक इमारत को तोड़ने की रेलवे की योजना का कड़ा विरोध हो रहा है। छात्र युवा रेलवे जोन नागरिक संघर्ष समिति ने इस इमारत को संरक्षित रखते हुए नवीनीकरण कार्य करने की मांग की है। समिति का कहना है कि 1890 में बनी इस 134 साल पुरानी इमारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, जिससे बिलासपुर की जनता का भावनात्मक जुड़ाव है।

समिति का मानना है कि इस इमारत का संरक्षण बेहद जरूरी है, भले ही यह आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की सूची में शामिल नहीं हो।

समिति ने कहा कि इस इमारत में राष्ट्रकवि गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर भी रुक चुके हैं, जब वह अपनी पत्नी का इलाज पेंड्रा के सैनिटोरियम में करा रहे थे। उन्होंने यहां कुछ कविताएं भी लिखी थीं, जिनमें से एक आज भी स्टेशन के पटल पर अंकित है।

रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व

बिलासपुर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जिसकी स्थापना 1889 में राजनांदगांव से बिलासपुर तक के रेलवे विस्तार के साथ हुई थी। स्टेशन की पुरानी इमारत 1890 में बनाई गई थी, जो उस समय वीआईपी प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती थी। यह स्टेशन उस युग की वास्तुकला का प्रतिबिंब है। इसका विद्युतीकरण 1969-1970 के बीच किया गया था। इसके अलावा, बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) और बिलासपुर रेलवे मंडल का मुख्यालय है, जो इसे भारतीय रेलवे नेटवर्क में विशेष महत्व देता है।

रेलवे स्टेशन का यह विस्तार 1889 में नागपुर छत्तीसगढ़ रेलवे के अंतर्गत हुआ, जिसे बाद में बंगाल नागपुर रेलवे ने अधिग्रहित किया। 1891 में नागपुर-असनसोल मुख्य लाइन के निर्माण के साथ यह स्टेशन और महत्वपूर्ण हो गया। 1900 में यह हावड़ा-नागपुर-मुंबई क्रॉसकंट्री लाइन पर आ गया, जिसने इसे एक प्रमुख जंक्शन बना दिया।

बिलासपुर, जो कि बिलासा बाई केवटीन के नाम पर बसा है, रेलवे मुख्यालय बनने के बाद एक महत्वपूर्ण शहर के रूप में उभरा। इस शहर की कुछ महत्वपूर्ण इमारतें 100 वर्षों से अधिक पुरानी हैं, जिनमें रेलवे स्टेशन की इमारत सबसे पुरानी और अद्वितीय वास्तुकला का उदाहरण है।

संरक्षण के साथ नवीनीकरण संभव

समिति ने कहा कि बिलासपुर स्टेशन में पर्याप्त भूमि है और इस ऐतिहासिक इमारत को बचाकर भी सभी विकास कार्य पूरे किए जा सकते हैं। समिति ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के पुराने बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले इमारत को संरक्षित करने की बात कही गई थी, लेकिन अब इसे तोड़ने की योजना समझ से परे है।

समिति का कहना है कि वे इस मुद्दे पर सभी स्थानीय सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे, ताकि वे केंद्र सरकार तक जनता की भावना पहुंचा सकें और इस ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण हो सके।

अमृत भारत योजना और उठते सवाल

रेलवे की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बिलासपुर स्टेशन का 535 करोड़ रुपए की लागत से नवीनीकरण किया जाना है। इस योजना में स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला को महत्व दिया जाएगा।  इस योजना के अंतर्गत स्टेशन को अगले 40-50 वर्षों की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करने की बात कही गई है। स्टेशन पर एक विशाल शेड और सिटी सेंटर जैसी सुविधाओं का निर्माण प्रस्तावित है।

 

1 टिप्पणी

  1. बिलासपुर रेलवे स्टेशन की बेहतरीन जानकारी हम आपका समर्थन करते हैं और रेलवे जोन संघर्ष समिति को सपोर्ट करते हैं कि यह ऐतिहासिक धरोहर ना तोड़ा जाए।

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