हर गांव में बने परकोलेशन टैंक बनाने का निर्देश

बिलासपुर। जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल ने गुरुवार को जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को लेकर चिंता जताई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधूरे कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए।

कलेक्टर ने कहा कि भूजल स्तर में गिरावट के लिए अधूरे सिंचाई प्रोजेक्ट भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग की भूमिका सतही जल के संरक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में निर्माण स्थलों की नियमित निगरानी की जानी चाहिए और किसी भी कार्य में गुणवत्ता से समझौता न किया जाए।

हर गांव में बने परकोलेशन टैंक

कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि “हमने अब तक काफी भूमिगत जल निकाल लिया है, अब समय आ गया है कि उसे वापस ज़मीन के भीतर पहुंचाने के उपाय किए जाएं।” उन्होंने निर्देश दिए कि हर गांव में एक परकोलेशन टैंक अनिवार्य रूप से बने। नाला बांध, जलसंचयन टैंक जैसे संरचनाओं के निर्माण पर बल दिया जाए।

उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले में इस दिशा में बेहतर काम हुआ है, उसी तर्ज पर बिलासपुर में भी प्रभावी कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि गांव का पानी गांव में ही रोका जाए, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

किसानों को दी सलाह – बदलें फसल चक्र

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर किसानों को भी जोड़ा जाए और उन्हें फसल चक्र बदलने के लिए प्रेरित किया जाए। जल और हरियाली संरक्षण हर प्रकार के विकास कार्यों का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए।

समय पर हो मरम्मत, ना हो लापरवाही

कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि डैम और एनीकट के गेट की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने सभी SDO और उपयंत्रियों से कहा कि वे इस कार्य को गंभीरता से लें और तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा करें।

बैठक में सीईओ जिला पंचायत संदीप अग्रवाल, एडीएम आरए कुर्रेवंशी, जल संसाधन विभाग के ईई मधु चंद्रा, सभी एसडीओ और उपयंत्री उपस्थित थे।

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