बिलासपुर। नगर निगम द्वारा शनीचरी रपटा से अपोलो अस्पताल चौक तक अतिक्रमण हटाने के बाद अब 80 फीट चौड़ी सड़क निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। इस कार्य के लिए निगम ने नोटिस भी जारी कर दिया है। इस कार्रवाई से स्थानीय रहवासी चिंता में हैं और विरोध स्वरूप एकजुट हो रहे हैं। वहीं इस मुद्दे पर सियासत भी गरमाने लगी है।

मंगलवार को क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के पार्षद, पूर्व पार्षद और स्थानीय लोग एक मंच पर नजर आए। यह कोई पूर्व नियोजित राजनीतिक मंच नहीं था, बल्कि आम लोगों की परेशानी ने दोनों दलों के नेताओं को एक साथ खड़ा कर दिया।

कलेक्टोरेट का घेराव करने के बाद कलेक्टर संजय अग्रवाल से चर्चा में नेताओं ने नगर निगम पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी, पूर्व पार्षद बजरंग बंजारें, भाजपा पार्षद रेखा सूर्यवंशी, शैलेश देवांगन, कांग्रेस पार्षद किशोर अहिरवार, शशमणी बंजारें सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए।

निगम की योजना के अनुसार, मास्टर प्लान 2031 के तहत चांटीडीह शनीचरी रपटा से अपोलो अस्पताल चौक तक 24 मीटर (80 फीट) चौड़ी सड़क बनाई जानी है, जिसके लिए लोगों को निर्माण हटाने का नोटिस भेजा गया है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि अपोलो से मंसी गेस्ट हाउस तक सिर्फ 60 फीट सड़क प्रस्तावित है और अतिक्रमण भी उसी के अनुसार हटाया गया था।

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि शनीचरी रपटा से अपोलो चौक तक भी सड़क 60 फीट ही बनाई जाए, अन्यथा गरीबों को भारी नुकसान होगा और सैकड़ों लोग बेघर हो जाएंगे।

लोगों ने बताया कि निगम ने अपोलो चौक से मंसी लॉज के बीच 127 दुकानों और 23 मकानों को तोड़ दिया, लेकिन अपोलो चौक से नाले की ओर दाहिनी ओर का अतिक्रमण छोड़ दिया गया। कार्रवाई सिर्फ बाईं ओर की गई। आगे, यानी नाले से मंसी लॉज तक सिर्फ दाहिनी ओर कार्रवाई की गई, ताकि नाले की बाईं ओर स्थित एक निजी अस्पताल की बाउंड्री को बचाया जा सके।

रहवासियों का कहना है कि अपोलो चौक से नाले तक निशान के अनुसार तोड़फोड़ नहीं हुई। बाईं ओर निशान से ज्यादा तोड़ा गया, जबकि दाईं ओर कम। अब बाईं ओर नाला बनाने के लिए 3 फीट ज्यादा जगह तोड़ी गई, लेकिन ठीक सामने के अवैध निर्माण को छोड़ा गया।

नियम के मुताबिक, सड़क के बीच से बराबर दूरी पर दोनों ओर तोड़फोड़ होनी चाहिए, लेकिन अपोलो चौक से मंसी लॉज चौक तक और नाले के आसपास केवल एक तरफ ही तोड़फोड़ हुई। इससे निगम की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं।

अब मंसी लॉज से रपटा तक करीब 1.5 किमी लंबी 80 फीट चौड़ी सड़क के निर्माण के लिए 3.27 करोड़ रुपये की लागत से टेंडर जारी कर दिया गया है और कार्य आदेश भी निकल चुका है। लेकिन नागरिकों का कहना है कि निगम ने पूरे क्षेत्र में एकसमान मापदंड नहीं अपनाया, जिससे ग़रीबों के लिए संकट खड़ा हो गया है।

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