बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल को थाईलैंड के शिनावत्रा विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2024 के तहत ‘एक्सीलेंस इन रिसर्च कोलेबरेशन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें 05 मार्च 2025 को शिनावत्रा विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट जहू फे द्वारा प्रदान किया गया।

भारत की वैश्विक भूमिका पर कुलपति का संबोधन
सम्मान समारोह में कुलपति प्रो. चक्रवाल ने भारत की वैश्विक स्तर पर बढ़ती भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत शोध, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत को अपनाते हुए भारत वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है

उन्होंने भारत और थाईलैंड के गहरे सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों के जीवन मूल्य, परंपराएं और सांस्कृतिक व्यवहार काफी समान हैं

भारत की नेतृत्व क्षमता और शिक्षा नीति की भूमिका
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की ओर दुनिया के विकसित राष्ट्र आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं और भारत इस क्षेत्र की विकास यात्रा का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में शिक्षा नीति की अहम भूमिका पर जोर दिया।

भारत में मूल्य आधारित शिक्षा और कौशल विकास
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत ज्ञान और कौशल से परिपूर्ण युवा शक्ति के निर्माण पर बल दिया गया है, जिससे भारत का हर युवा समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पित भावना के साथ सतत विकास में योगदान दे सके

भारत-थाईलैंड के बीच अकादमिक और शोध सहयोग
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने बताया कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय और शिनावत्रा विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू (सहमति पत्र) के तहत अकादमिक, शोध और नवाचार से जुड़े नवीनतम कार्यक्रमों और प्रयासों को साझा किया जा रहा है

इसके तहत दोनों विश्वविद्यालयों के शोधार्थी और शिक्षक एक-दूसरे की आधुनिक प्रयोगशालाओं और संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे, जिससे गुणवत्तापूर्ण शोध और अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी

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