बिलासपुर। अपोलो अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट बनकर वर्षों तक मरीजों का इलाज करने वाला नरेंद्र विक्रमादित्य यादव फर्जी डॉक्टर निकला है। सरकंडा पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी डॉक्टर को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसकी रिमांड दो दिन और बढ़ा दी गई। पुलिस की पूछताछ में वह अपनी एमबीबीएस और एमआरसीपी की डिग्री की जानकारी नहीं दे पा रहा है।

न एमबीबीएस का दस्तावेज, न एमआरसीपी

पूछताछ में आरोपी डॉक्टर ने बताया कि उसने नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज, दार्जिलिंग से एमबीबीएस किया है और यूके से एमआरसीपी की डिग्री ली है। लेकिन जब पुलिस ने प्रमाणपत्र मांगे, तो वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। उसकी डीएम कार्डियोलॉजी की डिग्री पहले ही फर्जी पाई जा चुकी है।

क्राइम सीन रीक्रिएशन, अपोलो में कराई गई पहचान

पुलिस ने शनिवार को आरोपी को अपोलो अस्पताल ले जाकर क्राइम सीन रीक्रिएशन कराया। वहाँ उसने बताया कि वह कहां बैठता था, और मरीजों की एंजियोग्राफी कहाँ करता था। पुलिस ने पूरे स्थान का पंचनामा तैयार किया है। अब संबंधित अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों से दस्तावेज मंगवाए जाएंगे।

शिकायतों की भरमार, दो मौतों की जांच जारी

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत के मामले में डॉक्टर यादव के खिलाफ सरकंडा थाने में FIR दर्ज की गई थी। उनके बेटे डॉ. प्रदीप शुक्ल ने फर्जी डॉक्टर और अपोलो प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की है।

इसी तरह तोरवा निवासी सुरेश डोडेजा ने अपने पिता भगतराम डोडेजा की मौत के लिए डॉक्टर यादव को जिम्मेदार ठहराते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

दमोह में हुई है गिरफ्तारी 

मध्यप्रदेश के दमोह में भी डॉक्टर यादव के इलाज से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं से गिरफ्तारी के बाद उसे बिलासपुर लाया गया। फिलहाल वह पुलिस रिमांड में है और सहयोग नहीं कर रहा है। कोर्ट से दो दिन की पुलिस रिमांड बढ़ाई गई है। इसके चलते उससे आज व कल 5 मई को पूछताछ हो सकेगी।

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