भूमिगत जल स्तर गिरने पर कलेक्टर ने जताई चिंता, संचालकों से मांगा सहयोग

बिलासपुर। जिले में गिरते भूजल स्तर को लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। शनिवार को मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिले भर के बोर खनन करने वाले करीब 50 ठेकेदारों को तलब कर जल संरक्षण की आवश्यकता पर गंभीरता से चर्चा की और इसमें सक्रिय सहयोग देने की अपील की।

कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में पंजीकृत सभी बोर मशीनों में GPS सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा ताकि उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी पीएचई यांत्रिकी विभाग निभाएगा, क्योंकि मशीनों का पंजीयन वहीं होता है। बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल और पीएचई विभाग के ईई हर्ष कबीर भी उपस्थित रहे।

अवैध खनन पर सख्त निगरानी के निर्देश

कलेक्टर ने कहा कि नलकूप खनन पर पूर्व में लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद चोरी-छिपे बोर खनन की शिकायतें सामने आती रही हैं। उन्होंने सभी एसडीएम और राजस्व अधिकारियों को ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “जल संकट की स्थिति में हमें कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटना चाहिए। जल का दुरुपयोग अब बर्दाश्त नहीं होगा।”

प्राकृतिक संसाधनों पर अगली पीढ़ियों का अधिकार भी जरूरी

कलेक्टर अग्रवाल ने केंद्रीय ग्राउंड वॉटर बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए चेताया कि भूमिगत जल सीमित है और तेजी से खत्म हो रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भूजल का मात्र 2% पेयजल, 13% उद्योग और 85% भाग खेती में उपयोग हो रहा है, और गर्मी में धान की फसल भूजल स्तर को और गिरा रही है।

उन्होंने कहा, “हम जितना पानी निकाल रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा जमीन में वापस पहुंचना चाहिए। 80-90 के दशक में जहां 90 फीट पर पानी मिल जाता था, आज 300 फीट तक भी सूखा पड़ा है। हमारी दो-तीन पीढ़ियों ने अगले 200 पीढ़ियों का पानी खर्च कर डाला है। अब रिचार्ज पर ध्यान देना होगा।”

रिवर्स ट्यूबवेल से जल रिचार्ज का सुझाव

कलेक्टर ने जल पुनर्भरण के लिए सूखे ट्यूबवेल को ‘रिवर्स ट्यूबवेल’ के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया, जिससे बारिश का पानी सीधे जमीन में पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले के कुछ गांवों में इसका सफल प्रयोग हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि अब वर्षा जल को सहेजने का समय है, क्योंकि बारिश का पैटर्न बदल गया है — पानी झड़ी बनकर गिरने की बजाय एक साथ बहकर निकल जाता है, जिससे रिचार्ज की प्रक्रिया बाधित होती है।

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