बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अगुवाई में शुक्रवार को प्रार्थना सभा जल संसाधन विभाग, बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से जुड़े 25 प्रकरणों की सुनवाई हुई। यह आयोग की 342वीं राज्य स्तरीय और 20वीं जिला स्तरीय जनसुनवाई थी।

सबसे अहम प्रकरण में, आयोग के हस्तक्षेप से दैनिक वेतन भोगी महिला कर्मचारी ज्योति उर्फ बसंती बास को 10 साल पुराना 31 माह का लंबित वेतन 1 लाख 75 हजार रुपये दिलाया गया। इसमें 1,70,500 रुपये मूलधन और 4,500 रुपये ब्याज शामिल था। भुगतान गोत्री ईकरारनामा और गवाहों की मौजूदगी में किया गया, जिसके बाद आवेदिका ने लिखित में कहा कि अब उसका बैंक से कोई दावा शेष नहीं है।

एक अन्य मामले में, 8 माह के बच्चे को देखते हुए दोनों पक्ष सुलहनामा के लिए तैयार हुए। आयोग ने सखी वन स्टॉप सेंटर को एक साल तक निगरानी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कुछ अन्य प्रकरणों में—

  • पति-पत्नी के बीच सुलह न होने पर तलाक की इच्छा जताई गई, जिसे नस्तीबद्ध किया गया।
  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के आरोप वाले प्रकरण में विभागीय जांच में दोष सिद्ध होने पर वेतनवृद्धि रोकी गई, लेकिन मामला शासन स्तर पर लंबित रहने से बंद कर दिया गया।
  • कई प्रकरणों में जमीन विवाद, न्यायालय में विचाराधीन केस और एफआईआर से जुड़े मुद्दों पर आवेदिकाओं को कानूनी उपाय सुझाए गए
  • रेरा ऑफिस से जुड़े विवाद में आवेदिका ने 35 लाख रुपये चुकाने के बावजूद फ्लैट न मिलने की शिकायत की। प्रकरण को आगे की सुनवाई हेतु रखा गया।

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