राहवीर योजना के तहत 25 हजार की प्रोत्साहन राशि मदद करने वालों को मिलेगा
बिलासपुर। अब बिलासपुर जिले में सड़क हादसों के घायलों को इलाज के लिए पैसों की चिंता नहीं करनी होगी। जिले के 24 अस्पतालों में डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा।
यह सुविधा “सड़क दुर्घटना नगदी रहित उपचार योजना 2025″ के तहत शुरू की गई है, जो 5 मई 2025 से पूरे प्रदेश में लागू है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 165 के तहत यह योजना लागू की गई है। इसका उद्देश्य सड़क हादसों के शिकार लोगों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देना है।
अगर किसी घायल को पहले किसी अन्य अस्पताल में ले जाया गया है, तो वहां प्राथमिक इलाज देने के बाद उसे सूचीबद्ध अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। सभी थानों को इस योजना का प्रचार-प्रसार करने और आम जनता को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
बिलासपुर जिले के ये 24 अस्पताल अब तक जुड़े:
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा
- जिला अस्पताल बिलासपुर
- गजानन स्मृति चिकित्सालय
- जन स्वास्थ्य सहयोग, गनियारी
- खंडूजा ऑर्थोकैरियर एक्सीडेंट हॉस्पिटल
- किम्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रा.लि.
- लालचंदानी अस्पताल
- लाइफ केयर अस्पताल
- न्यू जनता अस्पताल
- रामकृष्ण अस्पताल
- संजीवनी अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र
- श्रीराम केयर अस्पताल
- श्री शाह न्यूरो अस्पताल
- श्री विजय वंदना चिकित्सा विज्ञान संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र
- सुखम आरोग्यालय
- आरबी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज
- अंकुर ट्रॉमा केयर और नर्सिंग होम
- अरपा मेडसिटी अस्पताल एवं अनुसंधान संस्थान
- बर्न ट्रॉमा अनुसंधान केंद्र
- केयर एन क्योर मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
- सीएचसी तखतपुर
- सीएचसी बिल्हा
- छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (CIMS), बिलासपुर
घायलों की मदद करने वालों को मिलेगा सम्मान
इस योजना के साथ “राहवीर योजना” भी लागू है। इसके तहत दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ताकि लोग बिना डर के घायलों की मदद कर सकें और उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचा सकें।
यातायात पुलिस चला रही जागरूकता अभियान
बिलासपुर ट्रैफिक पुलिस सड़क हादसों को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि हादसा होने पर घबराएं नहीं, सीधे इन नामित अस्पतालों में मरीज को लेकर जाएं जहां उन्हें मुफ्त इलाज मिलेगा।
यह योजना न केवल जान बचाएगी बल्कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित होगी। जल्द ही और भी अस्पतालों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।