बिलासपुर। जिले में नशे में वाहन चलाने वालों पर अब यातायात पुलिस की कड़ी नजर है। पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2024-25 में अब तक 1229 वाहन चालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 (नशे में वाहन चलाना) के तहत कार्रवाई की गई है। इन मामलों में अदालत द्वारा 96 लाख 80 हजार 100 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
नशे में वाहन चलाना – बड़ा खतरा
पुलिस ने बताया कि नशे में वाहन चलाना सड़क हादसों का एक बड़ा कारण बन चुका है। नशे की हालत में चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठता है, जिससे अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल देता है। खासकर, जब सामने से आ रहा वाहन नियमों का पालन कर रहा हो, तब यह और भी खतरनाक साबित होता है।
ब्रीथ एनालाइज़र से जांच, नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई
यातायात पुलिस ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ब्रीथ एनालाइज़र मशीन दी है, जिससे नशे की जांच कर संबंधित चालकों पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस का कहना है कि कई लोग अब भी चोरी-छिपे नशे में वाहन चलाने की कोशिश करते हैं, जो भविष्य में गंभीर दुर्घटनाओं को जन्म दे सकता है।
जनता से अपील: नशे में गाड़ी चलाने वालों को रोकें
यातायात विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपने परिवार या परिचितों को नशे की हालत में वाहन चलाने से रोकें। नशे में गाड़ी चलाना न सिर्फ खुद के लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी जानलेवा हो सकता है।
अपराध साबित होने पर नहीं मिलेगा मुआवजा
यदि नशे में वाहन चलाते हुए किसी दुर्घटना में जान-माल की हानि होती है, तो ऐसे मामलों में चालक पर अपराध की धाराओं में भी केस दर्ज किया जाएगा और वह शासन की मुआवजा योजनाओं का पात्र नहीं रहेगा।
जुर्माना नहीं, समझदारी ही समाधान
पुलिस ने बताया कि चालान या जुर्माना कार्रवाई उनका अंतिम विकल्प होता है। इसके पहले सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लगातार लोगों को जागरूक किया जाता है। लेकिन कुछ जिद्दी और लापरवाह लोग अब भी नशे में वाहन चलाने की आदत नहीं छोड़ पा रहे हैं, जिस पर मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ती है।
सुरक्षित यातायात के लिए साझा ज़िम्मेदारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश और एएसपी (यातायात) रामगोपाल के मार्गदर्शन में यातायात पुलिस लगातार लोगों को नियमों के प्रति जागरूक कर रही है। साथ ही हादसों के संभावित स्थलों पर निरीक्षण कर सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
यातायात पुलिस ने अंत में सभी नागरिकों से अपील की है कि बिलासपुर शहर को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए मिलकर काम करें। नशे में गाड़ी न चलाएं, दूसरों को भी समझाएं, ताकि सड़कों पर कोई हादसा न हो।