बिलासपुर। नगर निगम बिलासपुर ने अवैध निर्माण के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। यह प्रदेश की पहली घटना है जब किसी आर्किटेक्ट पर सीधे कार्रवाई की गई हो। निगम ने आर्किटेक्ट विकास सिंह को एक साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया है।

दरअसल, विकास सिंह ने पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में महुआ होटल के पास एक भवन निर्माण के लिए स्वीकृत नक्शे से अलग जाकर निर्माण कार्य होने दिया। जबकि उन्होंने नियम के मुताबिक सुपरविजन का शपथ पत्र भी दिया था। यानी यह निर्माण उनकी निगरानी में ही होना था। निगम ने जब जांच की तो पाया कि स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन हुआ है। इसके बाद उन्हें 26 जून और 16 जुलाई को दो बार नोटिस भेजा गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए विकास सिंह का लाइसेंस सस्पेंड कर उन्हें एक साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। इस दौरान उनके द्वारा प्रस्तुत कोई भी नक्शा या प्रस्ताव नगर निगम स्वीकार नहीं करेगा।

बैठक में दी थी चेतावनी
नगर निगम ने हाल ही में शहर के सभी पंजीकृत आर्किटेक्ट्स के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वे भवन निर्माण की अनुमति मिलने के बाद उसका सही ढंग से सुपरविजन करें। निगम कमिश्नर ने कहा था कि यदि अनुमति से बाहर निर्माण हुआ, तो संबंधित आर्किटेक्ट को भी जिम्मेदार माना जाएगा। दो बार नोटिस देने के बाद भी सुधार नहीं हुआ तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

अवैध निर्माण को हटाया गया
महुआ होटल के पास हुए इस अवैध निर्माण को निगम ने तोड़फोड़ कार्रवाई के जरिए हटाया भी है। इस पूरी कार्रवाई का उद्देश्य यह है कि भविष्य में कोई आर्किटेक्ट नियमों को नजरअंदाज न करे और समय पर निर्माण कार्य की निगरानी करता रहे।

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