बिलासपुर। शहर में गिरते भू-जल स्तर को रोकने और वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने का वादा कर अब तक निर्माण नहीं कराने वाले 3623 भवन मालिकों को निगम ने नोटिस जारी किया है।

भवन शाखा की ओर से इन सभी मालिकों को तीन दिन के भीतर संतोषजनक जवाब देने को कहा गया है। यदि जवाब नहीं मिला तो भवन अनुमति के समय जमा की गई सुरक्षा निधि (एफडीआर) जब्त कर ली जाएगी। इतना ही नहीं, शासन के निर्देश के अनुसार प्रति 100 वर्गमीटर पर 1000 रुपये का वार्षिक जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह जुर्माना तब तक वसूला जाएगा जब तक मालिक अपने भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कर उसका प्रमाण निगम को नहीं दे देते।

निगम कमिश्नर अमित कुमार ने कहा कि वर्षा जल संचय ही गिरते जल स्तर को संतुलित करने का सबसे कारगर उपाय है। उन्होंने साफ कहा कि 2018 से 2022 तक जिन भवन मालिकों ने 1500 वर्गफीट से अधिक जमीन पर निर्माण की अनुमति ली थी, उन्हें वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य रूप से करना होगा।

राज्य शासन ने पहले ही सभी निकायों को निर्देश दिए हैं कि 1500 वर्गफीट से अधिक भूखंडों पर भवन निर्माण की अनुमति तभी दी जाएगी जब मालिक 110 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से सुरक्षा निधि जमा करेंगे। यदि सिस्टम का निर्माण कर इसकी सूचना दी जाती है तो यह निधि वापस कर दी जाती है। लेकिन बिलासपुर में हजारों लोग इस नियम की अनदेखी कर चुके हैं।

कमिश्नर अमित कुमार ने अपील की कि हर नागरिक अपने घर और परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूर कराए, क्योंकि यह सिर्फ नियम पालन नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाने की जिम्मेदारी भी है।

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