बिलासपुर। कानन पेण्डारी जू का सबसे आकर्षक और शक्तिशाली शेर ‘भीम’ अब नहीं रहा। मंगलवार सुबह उसके निधन की खबर से जू प्रशासन, वन्यजीव प्रेमी और पर्यटक गहरे शोक में डूब गए। 17 फरवरी 2025 से किडनी संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे भीम का लगातार इलाज चल रहा था, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे और 4 मार्च की सुबह उसने आखिरी सांस ली।
बेहतर चिकित्सा के लिए गुजरात के गिर नेशनल पार्क के विशेषज्ञ डॉ. आर.एफ. काडीवार से परामर्श लिया गया था, और उनके निर्देशों के तहत उपचार जारी था।
जू के पशु चिकित्सकों की टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही थी, लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद 4 मार्च 2025 की सुबह उसने अंतिम सांस ली।
केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के तहत, पशु चिकित्सकों की टीम ने भीम का पोस्टमार्टम किया। वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया गया।
भीम को 2022 में हरियाणा जू से कानन पेंडारी लाया गया था। उसकी गगनभेदी दहाड़ से पूरा जंगल गूंज उठता था। वह कानन पेंडारी में आकर्षण का केंद्र था और पर्यटकों की पहली पसंद भी।
जू प्रशासन ने शेर भीम के निधन को बड़ी क्षति बताया है। भीम की मौत से वन्यजीव प्रेमियों और कानन पेण्डारी जू के कर्मचारियों में गहरा दुःख व्याप्त है। इस घटना ने जू में एक भावनात्मक माहौल पैदा कर दिया है। भीम यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र था।