बिलासपुर। ऑनलाइन साइबर ठगी के लिए फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले ‘पी.ओ.एस. एजेंटों’ पर बिलासपुर पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो आम लोगों के दस्तावेजों पर फर्जी सिम कार्ड जारी कर साइबर अपराधियों को बेचते थे। इन सिम कार्डों का उपयोग डिजिटल ठगी, शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड और केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को ठगने में किया जाता था।
अंतरराज्यीय साइबर ठगों से थे संपर्क
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरफ्तार आरोपी फर्जी सिम कार्ड दिल्ली, अलवर (राजस्थान) और अन्य राज्यों में सक्रिय साइबर ठगों को बेचते थे। इसके बदले में वे अवैध मुनाफा कमाते और साइबर ठगी के बड़े रैकेट का हिस्सा बन चुके थे।
तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में साइबर क्राइम पोर्टल के जरिए इन एजेंटों की पहचान की गई। ए.सी.सी.यू. (साइबर सेल), रेंज साइबर थाना बिलासपुर और थाना कोटा की संयुक्त टीम ने तकनीकी जांच के बाद संदिग्धों को ट्रेस कर छापेमारी की।
गिरफ्तार आरोपी
- अंशु वास (19 वर्ष, पथर्रा, कोटा)
- फिरोज अंसारी (19 वर्ष, फिरंगीपारा, कोटा)
- मुकुल वास (21 वर्ष, फिरंगीपारा, कोटा)
- द्वारिका साहू (23 वर्ष, डाक बंगला पारा, कोटा)
- जय पालके (20 वर्ष, नवागांव, कोटा)
इन सभी के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66(C)-INF, 316(5), 318(4), 336(3)-BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फर्जी सिम कार्ड से साइबर अपराध
पुलिस जांच में यह भी पता चला कि ये आरोपी आम लोगों की आईडी पर कई सिम कार्ड जारी कर साइबर ठगों को भेजते थे, जो इनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी, मनी म्यूलिंग और डिजिटल फ्रॉड में करते थे। इसके अलावा, ये म्यूल अकाउंट भी चलाते थे, जिनका इस्तेमाल ठगी की रकम ट्रांसफर करने में किया जाता था।
बिलासपुर पुलिस की सख्त चेतावनी
बिलासपुर पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी आईडी और दस्तावेजों का दुरुपयोग न होने दें। यदि कोई व्यक्ति अपनी आईडी पर फर्जी सिम कार्ड जारी कराता है या मनी म्यूलिंग में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यदि किसी को साइबर ठगी या फर्जी सिम कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी मिलती है, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।