बिलासपुर। साइबर ठगी के सरगना को पुलिस मध्यप्रदेश के ऐसे दूरस्थ गांव से पकड़कर लाई है, जहां उन पर हमला होने की आशंका थी। उसके एक सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 7 लाख की रकम को बैंक खातों से सीज किया है। दो साल के भीतर 1.12 करोड़ के लेन-देन का पता चला है। आरोपियों को चंगुल में लेने के लिये पुलिस ने उनके खाते में 5 हजार रुपये भी डाले।
23 अगस्त को हिर्री थाने में अमसेना ग्राम के दिव्यांग सरजूदास मानिकपुरी (40 वर्ष) ने रिपोर्ट दर्ज कराई की उसके खाते में 25 लाख रुपये जमा होने का झांसा देकर पिछले फरवरी 2020 से लेकर अब तक 4.18 लाख रुपये की ठगी की गई है। उसे अभी भी वे लोग नंबर बदल-बदल कर झांसा दे रहे हैं। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि आरोपी अभी भी प्रार्थी से संपर्क कर रहे हैं। योजनाबद्ध तरीके से उसने आरोपी से उसके बैंक खाते की जानकारी मांगी और उसे भरोसे में लेने के लिये उस खाते में 5 हजार रुपये भी डाल दिये। इससे आरोपी अंकुश सिंह यादव (21 वर्ष) और योगेन्द्र अहिरवार (21 वर्ष) का नाम और उनका पता मिल गया। इनका निवास निमाड़ी, मध्यप्रदेश के नौरा ग्राम पाया गया। यह टेहरका थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। थाना टेहरका में संपर्क करने पर जानकारी मिली कि यह पूरा गांव साइबर अपराध में लिप्त और पुलिस यदि उन्हें पकड़ने जाती है तो उन पर हमला भी कर दिया जाता है। तब थाना टेहरका के स्टाफ की मदद ली गई और उनके साथ आरोपियो के ठिकाने पर दबिश दी गई। दोनों आरोपियों को उनके घरों से हिरासत में ले लिया गया। आरोपियों से पूछताछ के बाद मोबाइल फोन, सिम कार्ड, कंप्यूटर आदि बरामद हुए। इनसे 10 अलग-अलग बैंकों में 15 खाते होने का पता चला है। सरगना अंकुश सिंह के पांच खातों में पिछले दो साल के भीतर 1.21 करोड़ रुपये के लेन-देन की जानकारी पुलिस को मिली। दूसरे आरोपी योगेन्द्र के दो खातों में 8.5 लाख रुपये का लेन देन हुआ है। इन दोनों के बैंक खातों में रखे हुए 7 लाख रुपये सीज कर लिए गए हैं। इनके पास जिरोधा एप के जरिये शेयर में 5 लाख रुपये निवेश करने की जानकारी भी मिली है। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश आदि के दर्जनों लोगों को फोन पर झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की है। आरोपियों के खिलाफ धारा 420 और 120 बी आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया गया है। उससे जिला पुलिस और पूछताछ कर रही है।