एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों में प्रभावी विवेचना के लिए बिलासपुर में रेंज स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
बिलासपुर। “नशा हमारी युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है, इसे जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस ही सबसे अहम कड़ी है। एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन करते हुए दोषियों को सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए,” यह संदेश आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने ‘चेतना भवन’, रक्षित केंद्र बिलासपुर में आयोजित एक दिवसीय रेंज स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान दिया।
एनडीपीएस एक्ट की विवेचना में त्रुटियों को दूर करने और प्रकरणों में न्यायालय से दोषियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें रेंज के जिलों से डीएसपी से लेकर एएसआई स्तर तक के 89 अधिकारियों ने भाग लिया।
एसएसपी रजनेश सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि विवेचना में एनडीपीएस एक्ट की धारा 42, 43, 50 जैसी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया जाना आवश्यक है, क्योंकि मामूली चूक से अपराधी छूट सकते हैं।
कार्यशाला में संयुक्त संचालक अभियोजन माखनलाल पांडेय, विशेष लोक अभियोजक सूर्यकांत शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता विभाकर सिंह व शैलेन्द्र दुबे ने एनडीपीएस एक्ट की बारीकियों, ट्रायल के दौरान सामने आने वाली सामान्य त्रुटियों और उनसे बचने के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी।
सीएसपी निमितेश सिंह ने NDPS मामलों की End-to-End विवेचना और नशे से अर्जित संपत्ति को ‘सफेमा’ कोर्ट से जब्त करवाने की प्रक्रिया पर केस स्टडी के माध्यम से प्रकाश डाला।
धमतरी से निरीक्षक चंद्रकांत साहू व बिलासपुर से उप निरीक्षक अवधेश सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए विवेचना में अपनाई गई सफल रणनीतियों को विस्तार से बताया।
कार्यशाला का समापन एएसपी मधुलिका सिंह एवं राजेन्द्र जायसवाल के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।