बिलासपुर। बिलासपुर शहर से गुजर रहे झारखंड के एक कार चालक को लगा कि उससे दुर्घटना हो गई। वह कार लेकर भागने लगा। फिर भी जब उसे लगा कि पीछा किया जा रहा है तो वह कार से उतरकर भाग निकला। कार को तालापारा के कुछ युवकों ने अपने कब्जे में ले लिया और ग्राहक तलाशने लगे। सिविल लाइन पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
किराये की टैक्सी चलाने वाले राजहरा मेहाल, गढ़वा झारखंड के मो. कुदुस ने सिविल लाइन बिलासपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 19 नवंबर को उसका ड्राइवर ऐनुल अंसारी और एक कर्मचारी सुदामा तेलंगाना से झारखंड वापस लौट रहे थे। बिलासपुर में मंदिर चौक जरहाभाठा के पास उन्हें लगा कि उनकी कार मराजो से कोई टक्कर हो गई। वह डर के कारण कार को तेजी से भगाने लगा। जब उन्हें लगा कि उनका मोटर साइकिल से पीछा किया जा रहा है तो दोनों संजय तरण पुष्कर के पास कार से उतरकर भाग खड़े हुए। जल्दी में कार में ही उन्होंने चाबी छोड़ दी थी। आधे घंटे के बाद जब वे वापस लौटे तो कार वहां से गायब थी।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सिविल लाइन पुलिस ने कार का लोकेशन जानने के लिये करीब 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। टोल प्लाजा से भी गाड़ी नंबर से पता किया गया तो मालूम हुआ कि गाड़ी शहर से बाहर नहीं निकाली गई है। इसके बाद शहर के विभिन्न इलाकों में वाहन की तलाश शुरू की गई। पुलिस को तालापारा में कार के होने का पता चला। कुछ युवक इसे बेचने के लिये ग्राहक ढूंढ रहे हैं। पुलिस ग्राहक बनकर वहां पहुंची और आरोपियों ने दो लाख रुपये में सौदा किया। पुलिस ने तीन आरोपियों शेख अजरूद्दीन उर्फ अज्जू, मो. साबिर उर्फ रानू तथा अनुराग सिंह को वाहन सहित पकड़ लिया। अनुराग सिंह कार को बेचने में दोनों अन्य आरोपियों की मदद कर रहा था। आरोपियों पर 379 व 34 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया गया है। उक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी शनिप रात्रे व उनकी टीम ने मेहनत की।