कोविड काल से बंद ट्रेनों के स्टापेज फिर शुरू करने, परियोजनाओं में तेजी लाने का निर्देश
बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मण्डल द्वारा आयोजित मबैठक में शुक्रवार को बिलासपुर के सांसद और केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्य मंत्री, तोखन साहू ने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर कड़ा रुख अपनाया। इस बैठक में विभिन्न जनप्रतिनिधियों, रेलवे अधिकारियों और सांसदों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य रेलवे से जुड़ी समस्याओं और विकास परियोजनाओं पर चर्चा करना था, जिसमें मुख्य रूप से यात्री सुविधाओं और लंबित परियोजनाओं पर जोर दिया गया।
स्थानीय समस्याओं पर नाराजगी
सांसद तोखन साहू ने रेलवे अधिकारियों को स्पष्ट किया कि उनका कार्य केवल मालगाड़ियों की ढुलाई तक सीमित नहीं रह सकता। उन्होंने स्थानीय जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए कहा कि रेलवे प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवारी बाजार से जुड़े व्यापारी अपनी आजीविका को लेकर चिंतित हैं।
बरसात में अंडरब्रिज की समस्या
बैठक के दौरान अंडरब्रिज में बरसात के समय पानी भरने की समस्या पर भी चर्चा की गई। इस समस्या के कारण लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सांसद साहू ने रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस समस्या का स्थायी समाधान खोजा जाए ताकि लोगों को भविष्य में इस तरह की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जिन ट्रेनों का ठहराव बंद किया गया था, उन्हें फिर से बहाल किया जाना चाहिए, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।
कटघोरा-मुंगेली-डोंगरगढ़ रेलवे लाइन परियोजना
कटघोरा-मुंगेली-डोंगरगढ़ रेलवे लाइन परियोजना पर विशेष जोर देते हुए सांसद साहू ने इस परियोजना को क्षेत्र की जनता की बहुप्रतीक्षित मांग बताया। उन्होंने कहा कि रेलवे रूट के सर्वेक्षण में ऐसे क्षेत्रों का चयन किया जाना चाहिए, जहां से अधिकतम संख्या में लोग लाभान्वित हो सकें। यह परियोजना क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है।
बिल्हा और उसलापुर रेलवे स्टेशन की समस्याएं
बिल्हा रेलवे स्टेशन पर कोरोना महामारी से पहले कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता था, जो अब तक बहाल नहीं किया गया है। सांसद साहू ने रेलवे अधिकारियों से मांग की कि इन ट्रेनों का ठहराव फिर से शुरू किया जाए, जिससे यात्रियों को होने वाली असुविधाओं का अंत हो सके। उन्होंने बिल्हा नगर के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां पर कई प्रमुख शासकीय और व्यावसायिक संस्थान हैं, जो रेलवे से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, उसलापुर रेलवे स्टेशन पर फ्लाईओवर के निर्माण की मांग भी उठाई, ताकि यातायात को सुगम बनाया जा सके। सांसद ने उसलापुर में कोचिंग डिपो और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना का भी सुझाव दिया।
बैठक में गोरखपुर, कोटा, और उसलापुर रेलवे स्टेशनों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई। गोरखपुर रेलवे फाटक पर फ्लाईओवर और कोटा रेलवे स्टेशन के पास अंडरब्रिज के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया गया। उसलापुर में भी फ्लाईओवर और कोचिंग डिपो की मांग की गई। इसके अलावा, परसदा ग्राम के पास छह वर्षों से लंबित अंडरब्रिज के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने की आवश्यकता बताई गई।
क्षेत्रीय सांसदों की नाराजगी
बैठक के दौरान उपस्थित सांसदों व उनके प्रतिनिधियों ने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की। सांसद साहू ने कहा कि सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में 20-25 लाख जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनकी अपेक्षाएं रेलवे से जुड़ी होती हैं। लेकिन सांसदों की ओर से भेजे गए प्रस्तावों पर रेलवे प्रशासन की ओर से निराशाजनक उत्तर मिल रहे हैं, जो बेहद खेदजनक है। उन्होंने रेलवे अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि इस रवैये को बदलना होगा और जनता की सुविधाओं को प्राथमिकता देनी होगी।
रेलवे की उपलब्धियां और विकास कार्य
बैठक में मंडल रेल प्रबंधक, प्रवीण पाण्डेय द्वारा रेलवे की उपलब्धियों और विकास कार्यों पर एक प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। इसमें यात्री सुविधाओं, स्वच्छता प्रोजेक्ट, वाई-फाई सुविधाएं, रेल मदद हेल्पलाइन नंबर 139, पर्यावरण संरक्षण के उपाय, और महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं का जिक्र किया गया। साथ ही, अमृत भारत स्टेशन योजना और वन स्टेशन वन प्रोडक्ट जैसी योजनाओं का भी विशेष उल्लेख किया गया।
बैठक में शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह, जांजगीर सांसद कमलेश जांगड़े, सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सदस्य (रायगढ़) देवेंद्र प्रताप सिंह, सुंदरगढ़ सांसद व केंद्रीय मंत्री जे ओराम तथा कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
उप-महाप्रबंधक (सामान्य) समीर कान्त माथुर ने सभी उपस्थित सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके सुझाव रेलवे की सेवाओं को और बेहतर बनाने में मददगार साबित होंगे। बैठक में साथ विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे।