बिलासपुर। रेलवे प्रशासन ने उत्कृष्ट सजगता और सतर्कता के साथ संरक्षित रेल परिचालन में योगदान देने वाले रेलकर्मियों को सम्मानित किया है। इन कर्मचारियों ने अपनी सजगता से रेल संरक्षा सुनिश्चित की और रेलवे परिचालन को सुरक्षित बनाए रखा। इसके लिए उन्हें संरक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रमुख घटनाएं:
- शहडोल के ट्रेन मैनेजर प्रिंस केशरवानी (13 अगस्त 2024):
केशरवानी ने मुदरिया साइडिंग से मालगाड़ी निकलते समय एक वैगन के टूटे दरवाजे को देखा। उन्होंने तुरंत साइडिंग प्रभारी को इसकी जानकारी दी और दरवाजे की मरम्मत करवाई, जिससे संरक्षा सुनिश्चित हुई। - लोको पायलट दिनेश कुमार सिंह और सहायक लोको पायलट महेंद्र जुर्री (1 अगस्त 2024):
पेंड्रारोड के इन लोको पायलटों ने अप लाइन से गुजर रही अंबिकापुर-शहडोल पैसेंजर ट्रेन के इंजन से धुआं निकलते देखा। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचना दी और गाड़ी की संरक्षा सुनिश्चित की। - ट्रैक मेंटेनर रामखिलावन (18 अगस्त 2024):
बुढ़ार यार्ड में कार्य के दौरान, रामखिलावन ने रेल फ्रैक्चर देखा और तुरंत ट्रैक को सुरक्षित कर अधिकारियों को सूचना दी। इस त्वरित कार्यवाही से संरक्षा सुनिश्चित हुई। - ट्रैक मेंटेनर प्रेमलाल (4 जुलाई 2024):
दर्रीटोला-टाइगर हिल स्टेशनों के बीच काम के दौरान, प्रेमलाल ने पटरी पर गिरा एक बोल्डर देखा। उन्होंने तत्काल ट्रैक को सुरक्षित किया और अधिकारियों को सूचित किया। - ट्रैक मेंटेनर कमल किशोर प्रसाद और राजेश कुमार (16 अगस्त 2024):
दर्रीटोला-टाइगर हिल स्टेशनों के मध्य, भूस्खलन से गीली मिट्टी और छोटे पत्थरों के गिरने की स्थिति में, इन दोनों ने बैनर फ्लैग लगाकर अधिकारियों को तुरंत सूचना दी और रेल संरक्षा सुनिश्चित की।
सम्मान समारोह:
सोमवार को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय ने इन सभी संरक्षा प्रहरियों को संरक्षा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने इनकी सजगता की सराहना की और भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ कार्य करने की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी साकेत रंजन भी उपस्थित थे।