बिलासपुर एसईसीएल ने सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (MSE) में एससी/एसटी और महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से मुख्यालय में एक विशेष वेंडर विकास कार्यक्रम आयोजित किया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छोटे उद्यमियों के लिए नए अवसर तलाशना और उन्हें सरकारी योजनाओं व पोर्टलों की जानकारी देकर व्यापारिक माहौल को अनुकूल बनाना था।

कार्यक्रम में लघु उद्योगों के प्रतिनिधि और महिला उद्यमियों के संगठन से जुड़े सदस्य भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

सत्र के दौरान प्रतिभागियों को कई महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई, जिसमें एमएसई, एससी-एसटी और महिला उद्यमियों के लिए जेम पोर्टल के प्रावधानों को लेकर जागरूकता बढ़ाना शामिल था। इसके साथ ही एमएसई अधिनियम के तहत लघु उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार की पहलों पर भी चर्चा हुई।

प्रतिभागियों को एमएसई के लिए वित्तीय सहायता को आसान बनाने वाले टीआरईडीएस पोर्टल की जानकारी भी दी गई और छत्तीसगढ़ में एमएसई उद्यमियों के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर चर्चा की गई। साथ ही निविदा प्रक्रिया में अक्सर की जाने वाली सामान्य त्रुटियों को लेकर भी जागरूक किया गया।

कार्यक्रम में एसईसीएल प्रबंधन ने कहा कि हमारा प्रयास है कि एससी-एसटी और महिला उद्यमियों को समान अवसर और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाए, जिससे वे मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों से जुड़ सकें। इस तरह के कार्यक्रम न सिर्फ भागीदारी बढ़ाते हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करते हैं।

इस अवसर पर एसईसीएल के तकनीकी निदेशक (संचालन एवं योजना/परियोजनाएं) एन. फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी. सुनील कुमार, मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन, एमएसएमई रायपुर के निदेशक किशोर इरपाटे, महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन-क्रय) अनुराग अग्रवाल और महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन-स्टोर्स) मनोज उपाध्याय सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

यह आयोजन एसईसीएल मुख्यालय के सामग्री प्रबंधन विभाग द्वारा किया गया था, जिसमें मुख्यालय और परिचालन क्षेत्रों के अधिकारी भी सम्मिलित हुए।

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