बिलासपुर से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद के लिए प्रतिदिन सीधी उड़ानों की भी मांग उठाई संघर्ष समिति ने
बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बताया कि रक्षा मंत्रालय द्वारा 290 एकड़ भूमि के एवज में 71 करोड़ रुपये की मांग को लेकर राज्य सरकार को पुनः पत्र भेजा गया है। समिति के अनुसार, ऐसी ही मांग पहले भी वर्ष 2024 में रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई थी, तब राज्य सरकार ने सितंबर 2023 में 93 करोड़ रुपये का चेक दिया था। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा भूमि समायोजन की स्वीकृति नहीं दिए जाने के कारण रक्षा मंत्रालय ने वह चेक लौटा दिया था।
समिति ने जानकारी दी कि रक्षा मंत्रालय ने 1012 एकड़ भूमि के अधिग्रहण पर 93 करोड़ रुपये खर्च किए थे और वह अब उसी दर पर भूमि लौटाने को तैयार नहीं है। वर्तमान में 290 एकड़ भूमि के लिए उसने 71 करोड़ रुपये की मांग की है, जिसे राज्य सरकार अधिक बता रही है। इसी कारण यह विवाद अभी भी लंबित है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि पहले 1012 एकड़ में से 290 एकड़ भूमि का निपटारा होना चाहिए और इसके लिए 71 करोड़ रुपये की राशि तुरंत रक्षा मंत्रालय को दी जानी चाहिए। शेष 722 एकड़ भूमि के लिए बाद में राज्य और केंद्र सरकार आपसी बातचीत कर दर तय करें। समिति ने कहा कि धन केंद्र या राज्य — किसी भी सरकार को मिले, जाएगा तो सरकारी खजाने में ही।
निजी एयरलाइनों की मांग, एलायंस एयर को बताया विफल
समिति ने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि सभी 72 या 80 सीटर विमानों वाली निजी एयरलाइनों को खुली निविदा (ओपन टेंडर) के माध्यम से आमंत्रित किया जाए। समिति का आरोप है कि एलायंस एयर को बिना टेंडर सीधे सब्सिडी दी जा रही है, इसके बावजूद कंपनी बिलासपुर के लिए पर्याप्त उड़ानें शुरू नहीं कर पा रही है। विशेष रूप से हैदराबाद के लिए उड़ान को सभी स्वीकृतियां मिलने के बावजूद एक साल से शुरू नहीं किया गया है।
जन संघर्ष समिति का कहना है कि देश के चारों दिशाओं — दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद — के लिए बिलासपुर से प्रतिदिन एक सीधी उड़ान होना अनिवार्य है। फिलहाल सप्ताह में दो दिन दिल्ली और दो दिन कोलकाता के लिए उड़ानें हैं, लेकिन पश्चिम और दक्षिण भारत की दिशा में कोई सीधी सेवा नहीं है।
इंडिगो, स्पाइसजेट सहित अन्य कंपनियों के पास हैं बिलासपुर-योग्य विमान
समिति ने बताया कि इंडिगो के पास 45 ऐसे विमान हैं जो बिलासपुर से उड़ान भर सकते हैं, वहीं स्पाइसजेट के पास 25, स्टार एयरवेज के पास 8 और कई अन्य कंपनियों के पास 1-2 विमान उपलब्ध हैं। समिति ने मांग की कि इन कंपनियों को आमंत्रित कर ओपन टेंडर के माध्यम से जिस कंपनी के किराये और सेवाएं बेहतर हों, उसे सब्सिडी दी जाए।
धरना जारी, बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
शनिवार-रविवार को जारी धरने में क्रमशः अनिल गुलेरी, गोपाल दुबे, रवि बनर्जी, समीर अहमद बबला, मनोज श्रीवास, दीपक कश्यप, महेश दुबे, टाटा, देवेंद्र सिंह ठाकुर, मनोज तिवारी, चित्रकांत श्रीवास, संतोष पिपलवा, प्रकाश बारनी, चंद्रप्रकाश जायसवाल, अशोक भंडारी, अमर बजाज, मोहन जायसवाल, अखिल अली, मोहसिन अली सहित कई अन्य लोगों ने भाग लिया।