बिलासपुर। नए कानूनों के तहत साइबर अपराधों की जांच और तकनीकी समझ बढ़ाने के लिए बिलासपुर रेंज स्तर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देशन में रक्षित केंद्र स्थित चेतना भवन में संपन्न हुआ।
कार्यशाला में बिलासपुर रेंज के अलग-अलग जिलों से आए 145 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें थाना प्रभारी, उप निरीक्षक, आरक्षक, सीसीटीएनएस मास्टर ट्रेनर समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे।
कार्यशाला की शुरुआत में एसएसपी रजनेश सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 1 जुलाई 2024 से लागू हुए नए कानूनों में विवेचना की प्रक्रिया पूरी तरह बदली जा चुकी है। अब अधिकतर कार्य डिजिटल माध्यम से होंगे, इसलिए तकनीकी जानकारी आवश्यक है। उन्होंने अपराधों की विवेचना समय-सीमा में पूर्ण कर, साक्ष्य संकलन में तकनीकी पोर्टल का बेहतर उपयोग करने पर जोर दिया।
प्रशिक्षण सत्र की मुख्य जानकारियां —
- एएसपी अनुज गुप्ता ने सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की जांच और निगरानी पर जानकारी दी, जिससे थानों में ही साइबर फ्रॉड की समय रहते रोकथाम हो सके।
- सुनील कुमार सेन, विशेष शाखा, रायपुर ने NATGRID पोर्टल के जरिए अपराधियों की पहचान और निगरानी की प्रक्रिया समझाई।
- समीर चंद्राकर, NIC बिलासपुर ने iRAD पोर्टल के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग, तत्काल राहत योजना और मोबाइल ऐप के उपयोग की जानकारी दी। बताया गया कि ₹1.5 लाख तक की सहायता राशि दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल मिलती है।
- सीसीटीएनएस शाखा रायपुर से आए वेब और एप डेवेलपर्स ने e-Sakshya, e-Summon, IO-Mitaan और Cri-MAC जैसे पोर्टलों की उपयोगिता समझाई।
- दीपमाला कश्यप, जोनल एसपी, बिलासपुर ने Samanvay और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCRP) के जरिए जांच में तकनीकी मदद के तरीके बताए।
- निरीक्षक राजेश मिश्रा, साइबर थाना बिलासपुर ने Mule Account Investigation पर विशेष जानकारी दी।
प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया। आयोजन में 07 उप पुलिस अधीक्षक, 20 निरीक्षक, 16 उप निरीक्षक, 34 सउनि, 41 प्रधान आरक्षक और 23 आरक्षक शामिल हुए।
पुलिस अफसरों का कहना है कि तकनीकी समझ बढ़ाकर साइबर अपराधों पर बेहतर नियंत्रण पाया जा सकेगा और जांच की प्रक्रिया अधिक सटीक व प्रभावी होगी।